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गुरुवार, 26 अप्रैल 2012
फिंगर प्रिंट टेस्ट से जान सकते हैं कैरियर
पर्सनैलिटी जन्मजात होती है, उसे विकसित तो किया जा सकता है, लेकिन बदला नहीं जा सकता। स्टूडेंट्स को चाहिए कि वे अपनी रूची के मुताबिक ही कैरियर का चयन करें, ताकि बुलंदियों को छू सकें। उक्त शब्द डीएवी गल्र्स कालेज में वाणिज्य व प्लेसमेंट सेल के संयुक्त तत्वावधान में मैजिक ऑफ फिंगर टिप्स विषय पर आयोजित वर्कशाप के दौरान इंस्टीट्यूट ऑफ मल्टीपल इंटेलीजेंस टेस्ट हांगकांग की हरियाणा शाखा के डायरेक्टर रविंद्र पाल सिंह ने कहे। अध्यक्षता वाणिज्य विभागाध्यक्षा डा. सुरेंद्र कौर ने की।
रविंद्र पाल सिंह ने बताया कि एक सर्वे के मुताबिक भारत में हर साल १४००० हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स सुसाइड कर लेते हैं। ८० प्रतिशत स्टूडेंट्स अंडर स्ट्रेस रहते हैं। इन सभी चीजों के लिए काफी हद तक पेरेंट्स जिम्मेदार हैं। क्योंकि अभिभावकों द्वारा बच्चों पर पढ़ाई व कैरियर को चुनने का दबाव बनाया जाता है। उन्होंने बताया कि हर बच्चे में अलग तरह की इंटेलीजेंस होती है, जिसमें वर्ड स्मार्ट, रीजनिंग स्मार्ट, पिक्चर स्मार्ट, बॉडी स्मार्ट, यूजिकल स्मार्ट, पीयूपल स्मार्ट, सेल्फ स्मार्ट व नेचर स्मार्ट शामिल है। इन सबका संबंध दिमाग के साथ होता है। इंटेलीजेंस के आधार पर ही कैरियर का चुनाव किया जाना चाहिए। डा. हार्वड गॉनर की थ्यूरी के मुताबिक फिंगर प्रिंट के जरिए किसी भी व्यक्ति की पर्सनैलिटी के बारे में बताया जा सकता है, ताकि वह उसके हिसाब से कैरियर का चयन कर सकें। स्नातक के उपरांत ९९ प्रतिशत विद्यार्थी कैरियर का चुनाव सही प्रकार से नहीं कर पाते। अकसर देखा जाता है कि अधिकांश विद्यार्थी दोस्तों या फिर परिवार के लोगों के मुताबिक कैरियर का चुनाव करते हैं। जबकि वे अपनी आंतरिक पर्सनैलिटी को सही प्रकार से नहीं पहचान पाते। उन्होंने बताया कि मूल्यांकन के बाद ही पर्सनैलिटी का पता चल सकता है। पर्सनैलिटी को पहचानने के लिए दोनों हाथों की उंगलियों का फिंगर प्रिंट लिया जाता है, जिसे लैब में डी टेस्ट के बाद परिणाम पर पहुंचा जा सकता है।
चार प्रकार की होती है पर्सनैलिटी-
रविंद्र पाल ने बताया कि पर्सनैलिटी चार प्रकार की होती है। जिसमें डव, मोर, उल्लू व बाज शामिल है। उन्होंने बताया कि डव पर्सनैलिटी के लोग ज्यादा मेहनती व फ्रैंडली नेचर के होते हैं। जबकि मोर पर्सनैलिटी के लोगों को बातें करना ज्यादा अच्छा लगता है और वे रिस्क लेने से नहीं घबराते। उल्लू पर्सनैलिटी के लोगों में मैथेमेटिकल व तर्कसिद्धता होती है। जबकि बाज पर्सनैलिटी के लोग दूसरों पर हावी होने का प्रयास करते हैं। उन्होंने बताया कि पर्सनैलिटी को इंप्रूव तो किया जा सकता है, लेकिन बदला नहीं जा सकता। यह रिसर्च के जरिए प्रमाणित हो चुका है।
जीएन खालसा कॉलेज में वार्षिक उत्सव का आयोजन
गुरु नानक खालसा कॉलेज के जन संचार एवं मीडिया प्रोद्योगिकी विभाग द्वारा
वार्षिक उत्सव "अनहद " का आयोजन किया गया .
उत्सव की शुरुवात कार्यक्रम की
मुख्य अतिथि कॉलेज प्राचार्य डॉ. वीरेंदर कौर ने दीप जला कर की . उत्सव की
अध्यक्षता कॉलेज के उप प्राचार्य प्रो. अमरजीत सिंह ने की. उत्सव का विधिवत आरम्भ कॉलेज गान " देहि शिवा वर मोहे ईह शुभ कर्मन ते कबहू न डरु " से हुआ . मौके पर विभाग अध्यक्ष डॉ.
उदय भान सिंह ने मुख्य अतिथि का अनहद उत्सव में पहुँचने पर आभार प्रकट
किया और कहा की कॉलेज प्रबंध समिति, प्रशासन और सम्पूर्ण कॉलेज परिवार की
ओर से विभाग को पूरा सहयोग मिलता है ताकि कॉलेज के मीडिया विद्यार्थी न
केवल सैधांतिक ज्ञान प्राप्त कर सकें बल्कि प्रक्टिकल जानकारी भी प्रभाव
पूर्ण ढंग से पा सकें. डॉ. सिंह ने विभाग की उपलब्धिओं की जानकारी देते हुए
बताया की तीन - चार सालों के अंदर ही विभाग ने कॉलेज, सामाज और
विद्यार्थिओं के प्रति निष्ठा पूर्वक कार्य करते हुए अपनी उपस्थिति को
प्रमाणित एवं सार्थक बनाया है.
इसके साथ साथ विभाग से निकले विद्यार्थी
राष्ट्रीय समाचार पत्रों और चैनलों में महतवपूर्ण पदों पर कार्य कर रहे है.
इसके साथ साथ बहुत सारे मीडिया विद्यार्थी उच्चतर शिक्षा के लिए देश के अनेक मीडिया शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे हैं. अनहद उत्सव जैसे शानदार आयोजन करने के लिए विभाग के विद्यार्थियों
और शिक्षकों को बधाई देते हुए कॉलेज प्राचार्य डॉ. वीरेंदर कौर ने कहा की
मीडिया का काम बहुत ज्यादा मेहनत और ध्यान से करने वाला होता है इसलिए
मीडिया विद्यार्थी इस तरफ गंभीरता से
ध्यान दें. इसके साथ साथ अपने जीवन में अनुशासन को खास महत्व दें क्योकि
आप कितना भी अच्छा काम कर लें मगर अनुशासित नही हैं तो आप का प्रभाव फीका
हो जायेगा. उन्होंने जोर दे कर कहा कि आज मीडिया के क्षेत्र में नौकरियों
कि भरमार है मगर शर्त ये है कि इस क्षेत्र में आने वाले मीडिया तकनीक,
ज्ञान व समर्पण में निपूर्ण हो , तभी वह इस क्षेत्र में जा कर सफल हो
सकतें है.
मौके पर विद्यार्थियों ने
मन को छू लेने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये. पेपर डांस के
विजयेता रामरतन और नेहा रहे जबकि पोस्टर टिकली में ब्रिज मोहन ने बाजी
मारी. इसी प्रकार अन्य प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम के दौरान बीएऍमसी फ़ाइनल कि मंदीप कौर और ब्रिज मोहन को मिस और
मिस्टर का खिताब दिया गया जबकि मोनिका और सुमित को मिस और मिस्टर इव से
नवाजा गया. इस अवसर पर सभी ने एक दूजे को स्नेह भरे उपहार दे कर बधाई और
भावी जीवन के लिए शुभ कामनाएं दी. इस अवसर पर हितेष भारद्वाज , वंदना धीमान
और विभिन्न विभागों के प्रमुख और राष्ट गान के साथ उत्सव का सामपन हुआ.
- Dr. Uday Bhan Singh
बुधवार, 9 नवंबर 2011
मंगलवार, 13 सितंबर 2011
DAV College for Girls, Yamuna Nagar
- बिना द्रोण के ही हो रहे अर्जुन तैयार-
- गरिमा मलिक स्कवॉयड शिविर में लेगी भाग-
- सोनिया प्री नेशनल शिविर का बनेगी हिस्सा-
यमुनानगर। डीएवी गल्र्स कालेज में बिना द्रोण के अर्जुन तैयार हो रहे हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि शुटिंग प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाली छात्राओं की उपलब्ध्यिां यह बयां कर रही है। कालेज की छात्रा गरिमा मलिक (पिस्टल शुटर) २८ सितंबर से छह अक्टूबर तक पुणे में आयोजित स्कवॉयड शिविर (इंटरनेशन में जाने से पहले की ट्रायल) में भाग लेने जा रही है। जबकि सोनिया राजपूत (राइफल शुटर) अहमदाबाद में ११ से २१ अक्टूबर तक आयोजित प्री नेशनल शिविर का हिस्सा बनेगी। तीनों खिलाडिय़ों की मानें तो इस गेम में आगे बढऩे के लिए उन्होंने बिना द्रोण के ही बुलंदियों को छूआ है। उन्हें उम्मीद है कि डीएवी गल्र्स कालेज में १४ व १५ सितंबर को आयोजित इंटर कालेज शुटिंग चैंपियनशिप में बेस्ट परफोर्म करेंगी।
बी-कॉम प्रथम वर्ष की छात्रा गरिमा ने बताया कि उसने वर्ष २०१० में फरीदाबाद में आयोजित इंटर स्कूल नेशनल शुटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड, नवंबर २०१० में गवाहटी में आयोजित जीवी मावलंकर शुटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड, अक्टूबर २०१० में फरीदाबाद में आयोजित स्टेट शुटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुकी है। गरिमा की मानें तो शुरू में तो उसने शौक के तौर पर शुटिंग करनी शुरू की थी। लेकिन जब उसका इस खेल में रूचि बढ़ गई, तो उसने ज्यादा से ज्यादा समय इस खेल को देना शुरू कर दिया। गरिमा ने बताया कि स्कूल लेवल पर थोड़ा बहुत सीखाया गया है।
बीए-प्रथम वर्ष की छात्रा सोनिया राजपूत ने बताया कि अगस्त २०११ में दिल्ली में आयोजित हरियाणा स्टेट शुटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड जीता है। स्कूल लेवल पर स्टेट में सिल्वर मेडल जीता है। उन्होंने बताया कि वह शुरू से ही शूटर बनाना चाहती थी। यही वजह है कि वह रोजाना ६ से ७ घंटे प्रैक्टिस करती है। उसे उम्मीद है कि वह अहमदाबाद में आयोजित शिवर में बेस्ट परफोरमेंस देगी और नेशनल में चयनित होकर लौटेगी।
बहुत महंगा है गेम-
शूटिंग में कैरियर बनाना इतना आसान नहीं है, जितना की लोग समझते है। इसके पीछे एक कारण यह भी है कि खेल बहुत महंगा है। क्योंकि इस खेल के लिए शुटिंग रेंज का होना बेहद जरुरी है। इसके अलावा प्रैक्टिस के लिए रोजना वैपन, टारगेट और पैलेट्स (गोलियां) की जरुरत होती है। यही वजह है कि आम घरों के बच्चें इस खेल में कैरियर बनाने से कतरा हैं। डीएवी गल्र्स कालेज के खेल विभाग की अध्यक्षा विभा गुप्ता ने बताया कि कालेज में शूटिंग की प्रेक्टिस करने वाली खिलाडिय़ों को सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया करवाई जाती है। उन्होंने बताया कि १० मीटर एयर राइफल के लिए एक विशेष प्रकार की डे्रस की जरुरत पड़ती है। जिसे कालेज ने किराए पर लेकर खिलाडिय़ों को मुहैया करवाया है।
सरकार दें ध्यान-
सारिका, नवनीत, सोनिया, सुजाता, गरिमा, सोनिया राजपूत, पारुल का कहना है कि सरकार को इस खेल की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। ताकि छात्राएं इस क्षेत्र में अपना कैरियर बना सकें। अगर इस खेल के जिला स्तर पर कोचिज उपलब्ध होंगे, तो उन्हें सिखने में ज्यादा मदद मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि इस खेल की शूटिंग रेंज का भी प्रदेश में अभाव है। प्रदेश में तीन-चार जिलों में ही शूटिंग रेंज है। यह भी वजह है कि इस खेल को ज्यादा बढ़ावा नहीं मिल पा रहा है।
- गरिमा मलिक स्कवॉयड शिविर में लेगी भाग-
- सोनिया प्री नेशनल शिविर का बनेगी हिस्सा-
यमुनानगर। डीएवी गल्र्स कालेज में बिना द्रोण के अर्जुन तैयार हो रहे हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि शुटिंग प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाली छात्राओं की उपलब्ध्यिां यह बयां कर रही है। कालेज की छात्रा गरिमा मलिक (पिस्टल शुटर) २८ सितंबर से छह अक्टूबर तक पुणे में आयोजित स्कवॉयड शिविर (इंटरनेशन में जाने से पहले की ट्रायल) में भाग लेने जा रही है। जबकि सोनिया राजपूत (राइफल शुटर) अहमदाबाद में ११ से २१ अक्टूबर तक आयोजित प्री नेशनल शिविर का हिस्सा बनेगी। तीनों खिलाडिय़ों की मानें तो इस गेम में आगे बढऩे के लिए उन्होंने बिना द्रोण के ही बुलंदियों को छूआ है। उन्हें उम्मीद है कि डीएवी गल्र्स कालेज में १४ व १५ सितंबर को आयोजित इंटर कालेज शुटिंग चैंपियनशिप में बेस्ट परफोर्म करेंगी।
बी-कॉम प्रथम वर्ष की छात्रा गरिमा ने बताया कि उसने वर्ष २०१० में फरीदाबाद में आयोजित इंटर स्कूल नेशनल शुटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड, नवंबर २०१० में गवाहटी में आयोजित जीवी मावलंकर शुटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड, अक्टूबर २०१० में फरीदाबाद में आयोजित स्टेट शुटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुकी है। गरिमा की मानें तो शुरू में तो उसने शौक के तौर पर शुटिंग करनी शुरू की थी। लेकिन जब उसका इस खेल में रूचि बढ़ गई, तो उसने ज्यादा से ज्यादा समय इस खेल को देना शुरू कर दिया। गरिमा ने बताया कि स्कूल लेवल पर थोड़ा बहुत सीखाया गया है।
बीए-प्रथम वर्ष की छात्रा सोनिया राजपूत ने बताया कि अगस्त २०११ में दिल्ली में आयोजित हरियाणा स्टेट शुटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड जीता है। स्कूल लेवल पर स्टेट में सिल्वर मेडल जीता है। उन्होंने बताया कि वह शुरू से ही शूटर बनाना चाहती थी। यही वजह है कि वह रोजाना ६ से ७ घंटे प्रैक्टिस करती है। उसे उम्मीद है कि वह अहमदाबाद में आयोजित शिवर में बेस्ट परफोरमेंस देगी और नेशनल में चयनित होकर लौटेगी।
बहुत महंगा है गेम-
शूटिंग में कैरियर बनाना इतना आसान नहीं है, जितना की लोग समझते है। इसके पीछे एक कारण यह भी है कि खेल बहुत महंगा है। क्योंकि इस खेल के लिए शुटिंग रेंज का होना बेहद जरुरी है। इसके अलावा प्रैक्टिस के लिए रोजना वैपन, टारगेट और पैलेट्स (गोलियां) की जरुरत होती है। यही वजह है कि आम घरों के बच्चें इस खेल में कैरियर बनाने से कतरा हैं। डीएवी गल्र्स कालेज के खेल विभाग की अध्यक्षा विभा गुप्ता ने बताया कि कालेज में शूटिंग की प्रेक्टिस करने वाली खिलाडिय़ों को सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया करवाई जाती है। उन्होंने बताया कि १० मीटर एयर राइफल के लिए एक विशेष प्रकार की डे्रस की जरुरत पड़ती है। जिसे कालेज ने किराए पर लेकर खिलाडिय़ों को मुहैया करवाया है।
सरकार दें ध्यान-
सारिका, नवनीत, सोनिया, सुजाता, गरिमा, सोनिया राजपूत, पारुल का कहना है कि सरकार को इस खेल की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। ताकि छात्राएं इस क्षेत्र में अपना कैरियर बना सकें। अगर इस खेल के जिला स्तर पर कोचिज उपलब्ध होंगे, तो उन्हें सिखने में ज्यादा मदद मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि इस खेल की शूटिंग रेंज का भी प्रदेश में अभाव है। प्रदेश में तीन-चार जिलों में ही शूटिंग रेंज है। यह भी वजह है कि इस खेल को ज्यादा बढ़ावा नहीं मिल पा रहा है।
सोमवार, 12 सितंबर 2011
एक्सटेंशन लेक्चर का आयोजन
यमुनानगर। डीएवी गल्र्स कालेज में गांधी स्टडी सेंटर की ओर से एक्सटेंशन लेक्चर का आयोजन किया गया। जिसमें पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के गांधी स्टडी सेंटर के एसोसिएट प्रोफेसर डा. मुनीष शर्मा मुख्य वक्ता रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कालेज प्रिंसिपल डा. सुषमा आर्य ने की। मौके पर गांधी स्टडी सेंटर के कनवीनर एवं एसोसिएट प्रोफेसर मलकीत सिंह भी उपस्थित रहे।
डा. शर्मा ने रिलेवेंस ऑफ गांधीयन फिलोस्फी आन पीस विषय पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने ९/११ अमेरिका में हुए आतंकी हमले के संदर्भ में गांधी जी की शांति व अहिंसा की नीतियों के महत्व को उजागर किया। अमेरिका द्वारा आंतकवादियों को पकडऩे के लिए किए जा रहे अरबों डॉलरों के खर्चे की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि अगर यह पैसा विश्व में विकास के लिए खर्च किया जाता, तो विश्व में आंतकवाद की समस्या जड़ से खतम हो सकती थी। आंतकवाद की समस्या धर्म से संबंधित नहीं है, बल्कि इसकी ज्यादातर जड़ें सामाजिक समस्या व गरीबी में पाई जाती है। अगर शिक्षा के जरिए मानव चेतना को जगाने की कौशिश की जाए, तो आने वाले दिनों में आंतकवाद, हिंसा जैसी समस्याएं खतम हो सकती है। उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा वल्र्ड टे्रड सेंटर पर हुए हमले के विडियो अभी तक रिलिज नहीं किए गए। जो वल्र्ड टे्रड सेंटर पर हुए हमले में आतंकवादी हाथ होने पर शंका खड़ी करते हैं। दूसरा अमेरिका द्वारा आंतकवादियों को पकडऩे के लिए चलाया गया अभियान आंतकवाद से ज्यादा अमेरिका की तेल अर्थव्यवस्था के हित में ज्यादा है। अमेरिका शस्त्रों व सेनाओं के बल पर जिस विश्व शांति की बात कर रहा है, वो वास्तव में शांति नहीं है। क्योंकि शांति और अहिंसा व्यक्ति के सीधे विरोध की जगह उसके मन में प्रवेश करती है।
डा. शर्मा ने कहा कि गांधी जी ने शंाति का असल मार्ग व्यक्ति के मन पर काबू पाने या उसे प्यार से बदलने को दर्शाया है। जो कि एक स्थाई शांति के लिए जरुरी है। उन्होंने यह भी बताया कि ११ सिंतबर १९०६ के दिन ही गांधी जी ने सत्याग्रह के जरिए विश्व में स्थाई रुप में शांति स्थापित करने के लिए आंदोलन शुरू किया था। इसलिए ११ सितंबर के बाद हो रही हिंसा और विश्व शांति को समाप्त करने के लिए गांधी जी के विश्व शांति के बारे में प्रकट किए गए विचारों का विशेष महत्व है। डा. शर्मा ने स्लाइड के माध्यम से अमेरिकी हमले के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कालेज प्रिंसिपल डा. सुषमा आर्य ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम से विद्यार्थियों के ज्ञान में वृद्धि होती है। उन्होंने छात्राओं से आह्वान किया कि वे गांधी जी द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलकर अपने जीवन को सफल बनाएं। गांधी स्टडी सेंटर कनवीनर एसोसिएट प्रोफेसर मलकीत सिंह ने डा. मुनीष शर्मा का आभार व्यक्त किया। मौके पर शिखा सैनी, डा. शालिनी शर्मा, राजीव कुमार, मंदीप कौर, नैंसी सैनी उपस्थित रहे।
शुक्रवार, 9 सितंबर 2011
दिया बनी डीएवी कालेज रोट्रेक्ट क्लब की प्रेजीडेंट
यमुनानगर। शुक्रवार को डीएवी गल्र्स कालेज में रोट्रेक्ट क्लब के पदाधिकारियों का चुनाव रोटरी क्लब प्रेजीडेंट अतुल गुप्ता के देखरेख में हुआ। बीए अंतिम वर्ष की छात्रा दिया को डीएवी कालेज रोटे्रक्ट क्लब की प्रेजीडेंट नियुक्त किया गया है। जबकि बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा सुरभि को वाइस प्रेजीडेंट चुना गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता क्लब की को-ओडिनेटर आभा खेतरपाल ने की।
रोटेरियन अतुल गुप्ता ने कहा कि कालेज स्तर पर बनाया गया रोटे्रक्ट क्लब का मुख्य उद्देश्य छात्राओं की प्रतिभा को निखारना है। इसके अलावा उन्हें समाज की समस्याओं के बारे में विस्तार से अवगत कराना है। क्लब के जरिए छात्राएं लोगों की समस्याओं का समाधान कर सकती है। उन्होंने बताया कि रोटरी क्लब द्वारा समय-समय पर सामाजिक बुराइयों के खिलाफ मुहिम चलाई जाती है। ताकि लोगों में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता आए। रोटरी कम्यूनिटी सर्विसिज इंचार्ज संगीता सिंघल ने कहा कि वह क्लब के साथ कालेज टाइम से जुड़ी हुई है। यही वजह है कि वह सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़ कर भाग लेती हैं। रोटे्रक्ट क्लब की को-ओडिनेटर आभा खेतरपाल ने बताया कि इस वर्ष छात्राओं को हेल्थ अवेयरनेस, किशोर अवस्था में मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य संबंधी जानकारी, खान-पान से होने वाली बीमारियां, सफाई इत्यादि के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। क्लब के पदाधिकारी व सदस्य पोलियो ड्राप कैंपेन में भाग लेकर जनसेवा करती हैं। उन्होंने बताया कि बीए अंतिम वर्ष की दिया को प्रेजीडेंट, बीए द्वितीय वर्ष की सुरभि को वाइस प्रेजीडेंट, बीए अंतिम वर्ष की जैसमीन को सेके्रटरी, बीए द्वितीय वर्ष की शिल्पी को ज्वाइंट सेक्रेटरी चुना गया। बीए अंतिम वर्ष की गुंजन को कम्यूनिटी सर्विसिज क्लब की डायरेक्टर नियुक्त किया गया। जबकि पल्लवी, ईशा, आंचल व जगजीत को इसमें शामिल किया गया। बीए अंतिम वर्ष की कशिश को एडिटर नियुक्त किया गया तथा आरती को कोषाध्यक्ष चुना गया। रोटेरियन क्लब में पिंकी, सोनिया, जसमीत, भावना, दिव्या, पूजा, स्वीटी, रूचि कृष्णा, मंजू, मंजीत, संदीप, शिवानी, आरती, अलका, कमल व करिश्मा को सदस्य नियुक्त किया गया। चुने गए सभी प्रतिनिधियों को रोटरी कम्यूनिटी सर्विसिज इंचार्ज संगीता सिंघल ने बैचिज लगाकर सम्मानित किया। मौके पर रोटरी क्लब यमुनानगर के प्रेजीडेंट रोटेरियन अतुल गुप्ता, वाइस प्रेजीडेंट अनिल कुमार, एडीटर संजय पाहुजा, विकास कुमार, सुमेर चंद उपस्थित रहे।
रोटेरियन अतुल गुप्ता ने कहा कि कालेज स्तर पर बनाया गया रोटे्रक्ट क्लब का मुख्य उद्देश्य छात्राओं की प्रतिभा को निखारना है। इसके अलावा उन्हें समाज की समस्याओं के बारे में विस्तार से अवगत कराना है। क्लब के जरिए छात्राएं लोगों की समस्याओं का समाधान कर सकती है। उन्होंने बताया कि रोटरी क्लब द्वारा समय-समय पर सामाजिक बुराइयों के खिलाफ मुहिम चलाई जाती है। ताकि लोगों में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता आए। रोटरी कम्यूनिटी सर्विसिज इंचार्ज संगीता सिंघल ने कहा कि वह क्लब के साथ कालेज टाइम से जुड़ी हुई है। यही वजह है कि वह सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़ कर भाग लेती हैं। रोटे्रक्ट क्लब की को-ओडिनेटर आभा खेतरपाल ने बताया कि इस वर्ष छात्राओं को हेल्थ अवेयरनेस, किशोर अवस्था में मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य संबंधी जानकारी, खान-पान से होने वाली बीमारियां, सफाई इत्यादि के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। क्लब के पदाधिकारी व सदस्य पोलियो ड्राप कैंपेन में भाग लेकर जनसेवा करती हैं। उन्होंने बताया कि बीए अंतिम वर्ष की दिया को प्रेजीडेंट, बीए द्वितीय वर्ष की सुरभि को वाइस प्रेजीडेंट, बीए अंतिम वर्ष की जैसमीन को सेके्रटरी, बीए द्वितीय वर्ष की शिल्पी को ज्वाइंट सेक्रेटरी चुना गया। बीए अंतिम वर्ष की गुंजन को कम्यूनिटी सर्विसिज क्लब की डायरेक्टर नियुक्त किया गया। जबकि पल्लवी, ईशा, आंचल व जगजीत को इसमें शामिल किया गया। बीए अंतिम वर्ष की कशिश को एडिटर नियुक्त किया गया तथा आरती को कोषाध्यक्ष चुना गया। रोटेरियन क्लब में पिंकी, सोनिया, जसमीत, भावना, दिव्या, पूजा, स्वीटी, रूचि कृष्णा, मंजू, मंजीत, संदीप, शिवानी, आरती, अलका, कमल व करिश्मा को सदस्य नियुक्त किया गया। चुने गए सभी प्रतिनिधियों को रोटरी कम्यूनिटी सर्विसिज इंचार्ज संगीता सिंघल ने बैचिज लगाकर सम्मानित किया। मौके पर रोटरी क्लब यमुनानगर के प्रेजीडेंट रोटेरियन अतुल गुप्ता, वाइस प्रेजीडेंट अनिल कुमार, एडीटर संजय पाहुजा, विकास कुमार, सुमेर चंद उपस्थित रहे।
मंगलवार, 6 सितंबर 2011
डीएवी कालेज में स्टूडेंट्स व कल्चरल काउंसिल के पदाधिकारियों का चुनाव
-स्टूडेंट्स काउंसिल की प्रेजिडेंट बनी पूजा-
-सवि मगो को चुना गया कल्चरल काउंसिल प्रेजिडेंट-
-सवि मगो को चुना गया कल्चरल काउंसिल प्रेजिडेंट-
यमुनानगर। डीएवी गल्र्स कालेज में स्टूडेंट्स व कल्चरल काउंसिल के पदाधिकारियों का चुनाव कालेज प्रिंसिपल डा. सुषमा आर्य की देखरेख में हुआ। सभी क्लासिज के सीआर (क्लास रिपे्रजंटेटिव) ने अपने मतों का प्रयोग कर प्रतिनिधियों का चुनाव किया। बी-कॉम अंतिम वर्ष की छात्रा पूजा को स्टूडेंट्स काउंसिल का प्रेजिडेंट चुना किया गया। जबकि बीए मॉस कम्यूनिकेशन अंतिम वर्ष की छात्रा सवि मगो कल्चरल काउंसिल की प्रेजिडेंट बनी। कालेज प्रिंसिपल ने दोनों काउंसिल के पदाधिकारियों को बैचिज लगाकर सम्मानित किया।
डा. आर्य ने कहा कि कालेज में छात्राओं को बेस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर देने की कौशिश की जाती है। यही वजह है कि कालेज का नाम हरियाणा ही नहीं अपितु पूरे देश में है। उन्होंने छात्राओं से आह्वान किया कि वे खुद की पहचान बनाए। ताकि वे कालेज व अभिभवकों का नाम रोशन कर सकें। डा. आर्य ने कहा कि छात्राएं स्टूडेंट्स काउंसिल के प्रेजिडेंट के जरिए अपनी समस्याएं उनके समक्ष रख सकती है। ताकि जल्द से जल्द उनका समाधान किया जा सकें। उन्होंने कहा कि प्रेजिडेंट का दायित्व है कि वह समय-समय पर छात्राओं को कालेज के रूल्स के बारे में अवगत कराएं तथा उनसे अनुशासन में रहने का आह्वान करें। किसी भी स्टूडेंट के प्रति भेदभाव का व्यवहार न किया जाए। सभी क्लासिज के सीआर ने अपने मतों का प्रयोग कर बी-कॉम अंतिम वर्ष की पूजा को स्टूडेंट काउंंसिल का प्रेजिडेंट चुना। जबकि आर्ट फैक्लटी से बीए अंतिम वर्ष की शालू, कॉमर्स फैक्लटी से बी-कॉम द्वितीय वर्ष की सोनम व साइंस फैक्लटी से बीएससी फैशन डिजाइनिंग द्वितीय वर्ष की प्रियंका मलिक को वाइस प्रेजिडेंट चुना गया। आर्ट फैक्लटी से एमए फाइनल ईयर की मोनिका, कॉमर्स फैक्लटी से बी-कॉम द्वितीय वर्ष की कृतिका, साइंस फैक्लटी से एमएससी अंतिम वर्ष की ज्योत्सना को सेक्रेटरी चुना गया। ज्चाइंट सेक्रेटरी पद पर आर्ट फैक्लटी से बीए द्वितीय वर्ष इक्नोमिक्स ऑनर्स की दिपाली, साइंस फैक्लटी से बीएससी प्रथम वर्ष की वर्षा कौशिक व कॉमर्स फैक्लटी से रिया को चुना गया। स्टूडेंट्स काउंसिल प्रेजिडेंट पूजा ने कहा कि कालेज की छात्राओं ने उसे जो जिम्मेदारी दी है, वह ईमानदारी से उनका निर्वहन करेगी। मौके पर दिव्या त्रिपाठी, रवि बाटला, किरण, विवेक नरुला उपस्थित रहीं।
-सवि मगो बनी कल्चरल काउंसिल प्रेजिडेंट-
कल्चरल काउंसलिंग में बीए मॉस कम्यूनिकेशन अंतिम वर्ष की छात्रा सवि मगो को प्रेजिडेंटचुना गया। जबकि बीएससी फैशन डिजाइनिंग की प्रियंका को वाइस प्रेजिडेंट, बीए मॉस कम्यूनिकेशन अंतिम वर्ष की कृति शर्मा को सेक्रेटरी नियुक्त किया गया। बी-कॉम सेकेंड ईयर की डोली को ज्वाइंट सेके्रटरी नियुक्त किया गया। दिशा त्यागी, तरुण, मल्लिका, उषा, नेहा राणा, सुखमन, तरनजोत, सोनिया, दिव्या, अनु शर्मा, हर्षा, शिवानी कांबोज, तवनीत, शालू, अंजू, किरन को सदस्य नियुक्त किया। कल्चरल काउसिंल को-ओडिनेटर एवं संगीत विभागाध्यक्षा डा. नीता द्विवेदी ने कहा कि कालेज की छात्राएं कल्चरल में राष्ट्रीय स्तर पर कालेज का नाम रोशन कर चुकी है। जो कि कालेज के लिए गर्व की बात है। सवि मगो ने कहा कि उसे जो जिम्मेदारी सौंपी गई है,उसका वह ईमानदारी से निर्वहन करेंगी।
शनिवार, 3 सितंबर 2011
Talent Show in DAV College for Girls : Day 2
यमुनानगर। डीएवी गल्र्स कालेज में चल रहे टैलेंट शो के दूसरे दिन सोलो डांस, ग्रुप डांस, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें छात्राओं ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। कालेज प्र्रिंसिपल डा. सुषमा आर्य दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। डा. आर्य ने कहा कि स्टेज पर परफोरमेंस करने से हमारी हिचक दूर होती है। इसके अलावा व्यक्तित्व निखर आता है। उन्होंने छात्राओं ंसे आह्वान किया कि वे प्रतियोगिता मेें जीत व हार की चिंता किए बैगर भाग लें। क्योंकि हार व जीत उतना मायने नहीं रखती, जितना की भाग लेना। उन्होंने कहा कि कालेज छात्राओं की प्रतिभा को निखारने के लिए उन्हें मंच प्रदान करता है। इस कालेज की छात्राओं ने नेशनल लेवल पर कालेज का नाम रोशन किया है। शनिवार को हुई सोलो डांस, ग्रुप डांस प्रतियोगिता में सैंकड़ों छात्राओं ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। प्रतियोगिता के दौरान छात्राओं ने क्लासिकल, हिंदी, हरियाणवी व वेस्टर्न सांग पर नृत्य प्रस्तुत कर समां बांध दिया। कल्चरल को-ओडिनेटर और संगीत विभाग की अध्यक्षा नीता द्विवेदी ने बताया कि सोलो डांस में ४५ प्रतिभागियों ने भाग लिया। जबकि सात समूहों ने ग्रुप परफोरमेंस दी। इस दौरान डा. गुरशरण कौर, नागेंद्र कुमार, चारू, शालू ने निर्णायक मंडल की भूमिका निभाई। जबकि प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में आठ टीमों ने भाग लिया। जिनसे छह राउंड्स में जनरल नॉलेज, राजनीति, खेल, विज्ञान, हिंदी व अन्य विषयों में प्रश्न पूछे गए। इस प्रतियोगिता के दौरान डा. नीना बजाज, कृतिका, मोनिका, मोना व सोनिका ने निर्णायक मंडल की भूमिका निभाई।
फैशन शो में छात्रााओं ने बांधा समां-टैलेंट शो के दौरान हुए फैशन शो में बीएससी फैशन डिजाइनिंग की छात्राओं ने मॉडलिंग कर समां बांध दिया। छात्राओं ने रैंप पर कैटवॉक कर खूब तालियां बटौरी। फैशन डिजाइनिंग विभाग की लेक्चरर डोली लांबा, पारूल गांधी, कंचन मदान, नीतू व पायल शर्मा ने बताया कि मॉडलिंग के लिए छात्राएं पिछले कई दिनों से कड़ी मेहनत कर रही थी। छात्राओं ने स्वयं तैयार किए परिधान पहन कर मॉडलिंग की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम में भाग लेने से बच्चों में कोनफिडेंस बढ़ता है। उन्होंने बताया कि शो के दौरान साड़ी, सुट्स व वेस्टर्न डे्रस का एक-एक राउंड हुआ। वहीं एफडी विभाग की छात्रा प्रियंका मलिक, सुमन, हर्षा, निधि, इति, पलक व सुखमन व सिंपी ने कहा कि उन्हें इस शो की तैयार महज १० दिनों में की है। हालांकि पिछले साल उन्होंने फिल्म फेस्टिवल के दौरान फैशन शो में भाग लिया था। लेकिन इस बार भाग लेने से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है।
इस प्रकार रहा परिणाम-सोलो डांस में एम-कॉम अंतिम वर्ष की रिचा ने पहला, बीए अंतिम वर्ष की तरनजोत व बीए प्रथम वर्ष की अनुराधा ने संयुक्त रुप से दूसरा तथा पीजी डिप्लोमा की नेहा व बीए प्रथम वर्ष की महक ने तीसरा स्थान अर्जित किया। जबकि बीए मॉस कम्यूनिकेशन अंतिम वर्ष की सवि मगो को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। ग्रुप डांस में पायल ग्रुप ने पहला स्थान अर्जित किया। जबकि रूमप मलिक व आंचल गु्रप को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में टीम ई ने पहला तथा टीम ए व डी ने संयुक्त रुप से दूसरा स्थान अर्जित किया।
फैशन शो में छात्रााओं ने बांधा समां-टैलेंट शो के दौरान हुए फैशन शो में बीएससी फैशन डिजाइनिंग की छात्राओं ने मॉडलिंग कर समां बांध दिया। छात्राओं ने रैंप पर कैटवॉक कर खूब तालियां बटौरी। फैशन डिजाइनिंग विभाग की लेक्चरर डोली लांबा, पारूल गांधी, कंचन मदान, नीतू व पायल शर्मा ने बताया कि मॉडलिंग के लिए छात्राएं पिछले कई दिनों से कड़ी मेहनत कर रही थी। छात्राओं ने स्वयं तैयार किए परिधान पहन कर मॉडलिंग की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम में भाग लेने से बच्चों में कोनफिडेंस बढ़ता है। उन्होंने बताया कि शो के दौरान साड़ी, सुट्स व वेस्टर्न डे्रस का एक-एक राउंड हुआ। वहीं एफडी विभाग की छात्रा प्रियंका मलिक, सुमन, हर्षा, निधि, इति, पलक व सुखमन व सिंपी ने कहा कि उन्हें इस शो की तैयार महज १० दिनों में की है। हालांकि पिछले साल उन्होंने फिल्म फेस्टिवल के दौरान फैशन शो में भाग लिया था। लेकिन इस बार भाग लेने से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है।
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शुक्रवार, 2 सितंबर 2011
डीएवी में टेलेंट शो

- गायन प्रतियोगिता में
तरुणप्रीत रही अव्वल-
- प्रतिभा खोज प्रतियोगिता ·े पहले
दिन छात्राओं ने दिखाई प्रतिभा-
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