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गुरुवार, 17 नवंबर 2011

लोगों को जागरूक रहा है मीडिया

यमुनानगर। मीडिया लोगों को जहां जागरूक करने का काम रही है, वहीं समाज निर्माण में भी अपना अहम योगदान दे रही है। उक्त शब्द डीएवी गल्र्स कालेज के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की लेक्चरर नेहा सहगल ने राष्ट्रीय प्रैस दिवस पर छात्राओं को संबोधित करते हुए कहे। बुधवार को राष्ट्रीय प्रैस दिवस पर विभाग द्वारा वाद-विवाद, भाषण व पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें छात्राओं ने बढ़चढ़ कर भाग लिया।
लेक्चरर स्वाति गुप्ता ने कहा कि मीडिया समाज को वास्तविकता से रू-ब-रू करवाता है। यही वजह है कि आज घटनाओं की जानकारी के लिए सभी मीडिया पर निर्भर है।
वाद-विवाद प्रतियोगिता के दौरान बीए मॉस कम्यूनिकेशन प्रथम वर्ष की छात्रा कृष्णा सिंह ने कहा कि मीडिया ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद की है। यही वजह है कि आज हर कोई भ्रष्टाचार के मुद्दे पर एकजुट है। नेहा बक्शी ने कहा कि मीडिया ही एक ऐसा माध्यम है, जिसके जरिए हम देश विदेश की घटनाओं के बारे में जान पाते हैं। इसलिए मीडिया पर्सन का दायित्व है कि वह चीजों को वास्तविकता के रुप में प्रस्तुत करें। अंंतिम वर्ष की छात्रा पूजा पांडे व पूजा सचदेवा ने कहा कि इलेक्ट्रोनिक मीडिया पिछले कुछ सालों से इंटरटेनमेंट को ज्यादा बढ़ावा दे रहा है। खबरों को मिर्च मसाला लगाकर प्रस्तुत किया जा रहा है। जो कि गलत है। मौके पर निकिता त्यागी, अंकिता, नीतू सिंह व नीतू ढुल, स्वाति, नीशू, शिया, अनू कांबोज, हिमानी उपस्थित रहीं। विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।
इस प्रकार रहा परिणाम-
पोस्टर मेकिंग में बीए मॉस कम्यूनिकेशन अंतिम वर्ष की प्रीति ने पहला, द्वितीय वर्ष की अश्वनी ने दूसरा तथा अंतिम वर्ष की पूजा सचदेवा ने तीसरा स्थान अर्जित किया। भाषण प्रतियोगिता में बीए प्रथम वर्ष की कृष्णा सिंह ने पहला, नेहा बक्शी व वंदना सिरोही  ने दूसरा तथा आकृति व शिवांगी ने संयुक्त रुप से तीसरा स्थान अर्जित किया। वाद विवाद प्रतियोगिता में अंतिम वर्ष की पूजा सचदेवा व पूजा पांडे ने पहला, दीप्ति व कृर्ति ने दूसरा तथा द्वितीय वर्ष की नीशू शर्मा व हरजिंद्र ने तीसरा स्थान अर्जित किया।




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मंगलवार, 15 नवंबर 2011

इंटर जोनल यूथ फेस्टीवल में डीएवी गल्र्स कालेज ने जीती ओवर आल ट्राफी

तीन शेरों के माध्यम से दिया मुख्यातिथि ने संदेश
कुवि का &4वां अंतर क्षेत्रीय युवा समारोह हार्षोल्लास के साथ सम्पन्न
स्थानीय डीएवी कन्या महाविद्यालय में चल रहा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का &4वां युवा समारोह मंगलवार को हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हो गया। सुबह के सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे यमुनानगर के अतिरिक्त उपायुक्त दिनेश यादव ने अपने हाथों पुरस्कार वितरण किया। इस अवसर पर यादव ने दो अलग-अलग शेर सुनाकर जहां प्रशासन, शिक्षक वर्ग व युवा वर्ग की जिम्मेवारियों का अहसास करवाया वहीं दोनों वर्गों के लिये एक शेर सुनाते हुए सांझी सांस्कृतिक जिम्मेवारी का भी अहसास करवाया। यादव ने कहा कि युवा व उत्सव एक दूसरे के प्रयायवाची हैं। जो उत्सव में शामिल होता है वह अपने आप युवा हो जाता है। उन्होंने बताया कि वह अपने समय में सभी युवा समारोहों में भाग लिया करते थे।
दिनेश यादव ने प्रशान व शिक्षक वर्ग की जिम्मेवारियों को समझाते हुए कहा कि हमारी डयूटी बनती है कि शिष्य की काबलियत को पहचानें। यादव ने अपने शेर से अपने इस संदेश को कुछ इस प्रकार दिया:-
....जो तू जोहरी है तो ये बात तुझे जेब़ नहीं...., मुझको पर$ख, मेरी शोहरत का इंतज़ार ना कर....
इसके साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का संदेश कुछ इस प्रकार दिया:-
....तुझमें हीरे की शिफ्त है तो अंधेरे में मिल..., धूप में तो कांच का टुकड़ा भी चमक जाता है...।
बाद में उन्होंने युवा वर्ग व शिक्षक तथा प्रशासक वर्ग को सामूहिक रूप से सांस्कृतिक जिम्मेवारियों को निभाने का संदेश कुछ इस प्रकार दिया:-
....कुछ तुम बदलो कुछ हम बदलें, आओ ये मौसम बदलें....।
....आईने कहां बदल पाऐंगे अपनी सूरत, आओ हम खुद बदल कर देखें...।
    इसके पश्चात उन्होंने विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया। मुख्यातिथि ने लम्बे समय तक बैठ कर हरियाणवी समूह नृत्य प्रतियोगिता का आनंद भी लिया। उनसे पहले कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के निदेशक अनूप लाठर ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि डीएवी कालेज इस युवा समारोह के सफल आयोजन के लिये बधाई का पात्र है। इतने कम समय में एक विशाल समारोह का सफल आयोजन महाविद्यालय की प्राचार्या सुषमा आर्या और उनकी टीम की गहरी लगन का ही प्रतिफल है। इसके लिये उन्होंने कालेज प्रशासन व सभी ब"ाों का भी आभार जताया। लाठर ने मुख्यातिथि दिनेश यादव का  परिचय करवाते हुए कहा यादव उनके सांस्कृतिक मित्र, संस्कृति मित्र व सांस्कृतिक परिवार के सदस्य हैं। कार्यक्रम के आरम्भ में डीएवी कालेज की छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गैस्ट आईटम के रूप में इंडियन क्लासिकल डांस व वैस्ट्रन ग्रुप सोंग प्रस्तुत किया।
फागण मैं होग्या चाल़ा....
हरियाणवी समूह नृत्य पर झूमे दर्शक    .....फागण मैं होग्या चाल़ा... छुट्टी आग्या मेरे घर आल़ा...., कुछ ऐसे ही गीतों के बोल थिरकने को मजबूर करते रहे हजारों की संख्या में बैठे युवा दर्शकों को। जी हां कुवि के &4 वें अंतर क्षेत्रीय युवा समारोह के  अंतिम दिन डीएवी कालेज के खुले मंच पर हरियाणवी समूह नृत्य की यादगार प्रस्तुतियां हुई। मंच पर सजा चर्खा, न्यार (घास) की गठरियां और कुछ इन बोलों के साथ हुआ मंचन काट भरोटा बांध लिया जी ....सीमा पै करूं देश की सेवा...। होर बता के चाहिये ....जी लागै ना तेरे बिना मेरा... गेल मनैं ले जाईये औ.....। तेरे मि_े मि_े बोल फौज मैं जावैगा....मेरी घड़वा दे रमझौल फौज मैं जावैगा...मेरे पिया तू कदसी उलटा आवैगा...। यह प्रस्तुति थी करनाल जोन की। 
 कुरुक्षेत्र जोन की और से भी फागण के महीने को लेकर कुछ इस प्रकार गीतों पर युवा नर्तकों ने धमाल मचाया...फागण आया रंग भर्या गोरी खेलैंगे रंग गुलाल...., फागण का यू मस्त महीना मन मैं मिलण की आस....। हिसार जोन की टीम ने बिन साजन घर मैं अकेली... कद आवै मेरे मन का मेली....., याद सतावै, जिया जल़ावै...साजन गए मेरे फौज मैं... आदि गीतों के मिश्रित बोलों पर अपनी थिरकन से मंच को तरंगित किया।
यमुनानगर जोन की ओर से डीएवी कालेज की टीम ने ग्राम्य जीवन की झांकी को मंच पर रच कर अपने समूह नृत्य में ग्रामीण रंगत देने का सफल प्रयास किया। मंच पर सजी मंधाणी, चूल्हे पर चढ़ा तवा, कुंए से पानी भरना व सिर पर पीतल की टोकणी और औखली में धान कूटती नार। इस मंच स"ाा के साथ गीत के बोल भी कुछ इस प्रकार ताल मिलाते नजर आऐ....काम करां दिन रात सखी री.. पिया की याद सतावै सै...। रेलगाड्डी कू कू बुलावै हे....बिन पिया के हुई मैं उदास देखूं बाट पिया की मैं। अम्बाला जोन के कलाकारों ने अपने गीतों म्हारी हेली मैं चौंसठ पैड़ी.....आदि पर नृत्य प्रस्तुत किया।
उधर अभिव्यक्ति सदन में हरियाणवी एकल नृत्य की प्रस्तुतियां हुई। प्रतियोगिता के पुरुष वर्ग में अम्बाला जोन के कलाकार ने अपने गीत मार गए छोरे तेर ढूंगे नै पर नृत्य किया। इसके बाद करनाल जोन के कलाकार ने लियो ना पंग्गा मैं छोरी गाम की गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया। यमुनानगर जोन की ओर से आगी छौरी सपने के मैं मेरी करगी नींद हराम... गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया गया। दूसरी और इस प्रतियोगिता के महिला वर्ग में यमुनानगर जोन की ओर से नाड़ा तो मेरा बाजणा...गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया गया। 
नए रूप में हुआ सांग का मंचन
अंतर क्षेत्रीय युवा समारोह के दौरान दूसरे दिन देर रात तक चली सांग प्रतियागिता ने कभी लुप्त प्राय: हो चुके लोकनाट्य सांग के नविनिकृत रूप को पेश किया। एक दौर था जब सांग देखने के लिये महिलाओं का आना वर्जित था। और एक आज का दौर है जब महिलाऐं सांग में भूमिका निभा रही हैं। जहां कभी सांग में महिला पात्रों की भूमिका पुरुष निभाते आए वहीं आज छात्राओं द्वारा आयोजित सांग में पुरुष पात्रों तक की भूमिका छात्राऐं निभा रही हैं। यह सच मे हरियाणवी संस्कृति के मूल यानि सांग की पुन: स्थापना की कड़ी में सबसे सफल पायदान माना जा सकता है। प्रतियोगिता में यमुनानगर जोन की टीम ने पूर्ण रूप से सांग को महिला रंग में ही रंग डाला और कमोबेश सभी कलाकर लड़कियां ही रही। इस टीम द्वारा मंचित पिंगला-भरथरी सांग में रागणी गायन से लेकर मखौलिये तक के किरदार छात्राओं ने बहुत ही सराहनीय तरीके से निभाऐ। विभिन्न जोन से आई टीमों द्वारा सबसे ’यादा पिंगला-भरथरी सांग का ही मंचन हुआ। राजा भरथरी अपनी रानी पिंगला के प्यार में इतना अंधा होता है कि उसकी चाल पर नगर सेठ की शिकायत को नहीं समझ पाता और अपने भाई विक्रम को जल्लादों के हवाले कर देता है। एक बार एक गरीब ब्रहमण को शिवजी खुश होकर अमर फल देते हैं जिसे धन के लालच में वह ब्रहमण राजा को भेंट करता है। राजा उसे अपनी प्रिय रानी पिंगला को देता है। लेकिन पिंगला एक दरोगा से प्रेम करती है और वह अमरफल उस दरोगा को दे देती है। दरोगा अय्यास होता है। वह कोठे पर जाता है और वह अमरफल उस कोठे वाली को दे देता है। वह अमरफल को राजा के पास लेकर आती है। राजा उस के हाथ से अमरफल पाकर बहुत परेशान होता है। उसे रानी पर शक होता है और उसे बुलवाकर पूछता है तो पहले झूठ बोलने के बाद अंत में सच कबूल कर लेती है। इसके बाद राजा को अपने प्रिय भाई विक्रम की याद आती है। जल्लाद बतातें हैं कि उन्होंने विक्रम को मारा नहीं था, बल्कि जंगल में यूं ही छोड़ दिया था। राजा उनसे अपने भाई को बुलवाता है। विक्रम के बोल राजा के कानों में कुछ इस प्रकार गूंजते हैं....आज का बोल्या याद राखिये विक्रम भाई का..दुनिया मैं तै खो देगा तनै भ्रम लुगाई का।

इस प्रकार रहा परिणाम-
हरियाणवी ग्रुप डांस में यमुनानगर जोन से डीएवी गल्र्स कालेज की टीम रिकमेंडड रही। जबकि हिसार जोन से सीआरएम जाट कालेज हिसार व करनाल जोन से आर्य पीजी कालेज पानीपत की टीम संयुक्त रुप से कमेंडिड रही। हरियाणवी डांस सोलो (महिला) में करनाल जोन से आर्य पीजी कालेज की टीम रिकमेंडिड रही। जबकि अंबाला जोन से डीएवी कालेज अंबाला व यमुनानगर जोन से डीएवी गल्र्स कालेज यमुनानगर की टीम संयुक्त रुप से कमेंडिड रही। हरियाणवी डांस सोलो (पुरुष) में करनाल जोन से आर्य पीजी कालेज पानीपत की टीम रिकमेंडिड रही। जबकि यमुनानगर जोन से एमएलएन कालेज व अंबाला जोन से एसडी कालेज की टीम संयुक्त रुप से कमेंडिड रही। सांग में हिसार जोन से राजकीय कालेज जींद की टीम रिकमेंडिड रही। जबकि यमुनानगर जोन से डीएवी गल्र्स कालेज व कुरुक्षेत्र जोन से आरकेएसडी कालेज कैथल की टीम संयुक्त रुप से कमेंडिड रही। 
हरियाणवी ऑक्रेस्ट्रा में यमुनानगर जोन से डीएवी गल्र्स कालेज यमुनानगर की टीम रिकमेंडिड रही। जबकि हिसार जोन से राजकीय कालेज हिसार व अंबाला जोन से एसडी कालेज अंबाला की टीम संयुक्त रुप से कमेंडिड रही। वेस्टर्न ग्रुप सांग में अंबाला जोन से एसडी कालेज अंबाला की टीम रिकमेंडिड रही। जबकि हिसार जोन से सीआरएम कालेज व कुरुक्षेत्र जोन से यूटीडी की टीम संयुक्त रुप से कमेंडिड रही। वन एक्ट प्ले में यमुनानगर जोन से डीएवी गल्र्स कालेज की टीम रिकमेंडिड रही। जबकि अंबाला जोन से एसडी कालेज अंबाला व कुरुक्षेत्र जोन से इश्रजोत डिग्री कालेज धनीपुरा की टीम संयुक्त रुप से कमेंडिड रही। एसडी कालेज अंबाला के मनीष को बेस्ट एक्टर व डीएवी गल्र्स कालेज की पारूल ढिंगरा को बेस्ट एक्टर्स के खिताब से नवाजा गया।  माइम में हिसार जोन से सीआरएम जाट कालेज हिसार की टीम रिकमेंडिड रही। जबकि यमुनानगर जोन से एमएलएन कालेज व कुरुक्षेत्र जोन से यूटीडी की टीम संयुक्त रुप से कमेंडिड रही। हरियाणवी फोक इंस्ट्रूमेंटल सोलो में हिसार जोन से राजकीय कालेज हिसार की टीम रिकमेंडिड रही। जबकि अंबाला जोन से एसडी कालेज अंबाला व यमुनानगर जोन से राजकीय कालेज नारायणगढ़ की टीम संयुक्त रुप से कमेंडिड रही। हरियाणवी स्किट में यमुनानगर जोन से एमएलएन कालेज की टीम रिकमेंडिड  रही। जबकि करनाल जोन से जीएन खालसा व हिसार जोन से राजीव गांधी महाविद्यालय उचाना की टीम संयुक्त रुप से कमेंडिड रही। वेस्टर्न इंस्ट्रूमेंटल सोलो में अंबाला जोन से एसडी कालेज की टीम रिकमेंडिड रही। जबकि हिसार जोन से सीआरएम जाट कालेज व टेक्निकल जोन से केआईटीएम की टीम संयुक्त रुप से कमेेंडिड रही।   




 
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बुधवार, 15 जून 2011

नि:शुल्क कंप्यूटर लिट्रेसी कोर्स पूरा होने पर बांटें प्रमाण पत्र

 यमुनानगर। डीएवी गल्र्स कालेज के विमैन स्टडी सेंटर व कंप्यूटर साइंस विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ग्रामीण व स्लम एरिया की महिलाओं के लिए आयोजित नि:शुल्क तीन महीने का कंप्यूटर लिट्रेसी कोर्स बुधवार को संपन्न हो गया। इस अवसर पर कंप्यूटर विभाग के अस्टिेंट प्रोफेसर संजय भारद्वाज व विमैन स्टडी सेंटर की प्रोजेक्ट ऑफिसर अर्चना रावत ने प्रतिभागियों को प्रमाण  पत्र वितरित किए। कोर्स के दौरान प्रतिभागियों को कंप्यूटर की बेसिक व इंटरनेट संबंधी जानकारी मुहैया करवाई गई।
संजय भारद्वाज ने बताया कि डीएवी गल्र्स कालेज में १४ मार्च को नि:शुल्क कंप्यूटर लिट्रेसी कोर्स की शुरूआत की गई थी। तीन महीने तक चलने वाले इस कोर्स में ग्रामीण क्षेत्र से आई लड़कियों व महिलाओं को एमएस वर्ड, एमएस एक्सल, एमएस ऑफिस, पावर प्वाइंट व इंटरनेट की विस्तार से जानकारी दी गई। कोर्स के दौरान बीच-बीच में सिलेब्स के मुताबिक टेस्ट आयोजित किए गए, ताकि पता लगाया जा सकें कि उन्हें कंप्यूटर संबंधी कितनी जानकारी मिल रही है। उन्होंने बताया कि कोर्स के दौरान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर देवेंद्र कुमार व रूची ने महिलाओं व लड़कियों को कंप्यूटर संबंधी जानकारी दी। जहां पर उन्हें कंप्यूटर संबंधी दिक्कतें आई, उसका तुरंत समाधान किया गया। स्टडी सेंटर की प्रोजेक्ट ऑफिसर अर्चना रावत ने बताया कि कोर्स के दौरान कुछ ऐसी महिलाएं भी थी, जो ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं थी। बावजुद इसके उन्होंने कंप्यूटर शिक्षा ग्रहण की। उन्होंने बताया कि कोर्स में ३० लड़कियों व महिलाओं ने भाग लिया। 
कालेज में अगला बैच पहली अगस्त से शुरू किया जाएगा। तीन महीने तक चलने वाले इस कोर्स में महिलाओं व लड़कियों को नि:शुल्क कंप्यूटर की शिक्षा मुहैया करवाई जाएगी। कालेज प्रिंसिपल डा. सुषमा आर्य का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को नि:शुल्क कंप्यूटर शिक्षा देने का मुख्य उद्देश्य उन्हें नई तकनीक से अवगत करना है। इसके अलावा उन्हें जानकारी मिल सकें कि वे इंटरनेट व कंप्यूटर का इस्तेमाल डेली लाइफ में किस प्रकार से कर सकती हैं। कंप्यूटर व इंटरनेट का इस्तेमाल कर ग्रामीण महिलाएं खुद को अपडेट रख सकती हैं।
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सोमवार, 2 मई 2011

सेवानिवृति पर दी विदाई

बिलासपुर। शनिवर को राजकीय माध्यमिक विद्यालय कपूरी कलां में कला अध्यापक पंडित मेघनाथ शर्मा को उनकी सेवानिवृति पर स्टाफ सदस्यों ने विदाई पार्टी दी। जिसमें स्कूल के सभी शिक्षकों व पंडित मेघनाथ शर्मा के परिजनों ने भाग लिया। विदाई समारोह के दौरान स्कूल के सभी शिक्षक व विद्यार्थी भाव विभोर हो गए।
स्कूल के हेड मास्टर अशोक शर्मा ने कहा कि पंडित मेघनाथ शर्मा हमारी स्कूल की टीम के सचिन तेंदूलकर रहे हैं। जब भी जरुरत पड़ती उन्होंने सभी मोर्चें संभाले हैं। स्कूल में अंदर उन्होंने डिस्पिलीन को मेंटेन किया हुआ था। स्कूल में बच्चों व शिक्षकों के बीच अगर कोई विवाद होता, तो उसे निपटाने में जज की भूमिका अदा करते थे और छानबीन करने के बाद सही निर्णय देते थे। शर्मा की विदाई के उपरांत उन्हें काफी हानि उठानी पड़ेगी, क्योंकि उनकी कमी को कोई पूरा नहीं कर सकता । अरुण शास्त्री ने कहा कि शर्मा जी बहु प्रतिभा के धनी है। जहां वे धार्मिक कार्यक्रमों में बढ़चढ़ कर भाग लेते हैं, वहीं उन्हें लेखन व गायन का भी शौक है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार ने भगवान श्रीराम ने १४ वर्ष का वनवास काट कर राक्षसों का संहार किया था, उसी प्रकार से पंडित मेघनाथ शर्मा ने कपूरी कला के स्कूल में १४ वर्षों के दौरान अंधकार व अज्ञान रूपी राक्षसों का संहार कर विद्यार्थियों में विद्या की जोत प्रज्ज्वलित की। उनके सरल स्वभाव की वजह से उनकी स्मृतियां ताउम्र उनके दिलों में विद्यमान रहेंगी। हरियाणा राज्य अध्यापक संघ के प्रधान बलदेव ने कहा कि शर्मा जी ने कभी भी काम से जी नहीं चुराया और अपनी मेहनत के बल पर स्कूल को नई बुलंदियों पर पहुंचाया है। सेवानिवृत अध्यापक रविदत्त ने पंडित मेघनाथ शर्मा को बधाई दी और उनकी लंबी आयु की कामना की। पंडित मेघनाथ शर्मा ने कहा कि विद्यालय में शिक्षण कार्य करते समय उन्हें अपने सहयोगियों से जो स्नेह मिला है, इसके लिए वे उनके ऋणी है। विदाई समारोह के दौरान पंडित मेघनाथ शर्मा ने आंखों को  नम करने वाली एक कविता प्रस्तुत की। जिसे सुनकर वहां मौजुद सभी की आंखें नम हो गई। उन्होंने कहा कि विदाई चाहे कैसी भी हो, वह कष्टदायक होती है। लेकिन उन्हें इस बात की खुशी है कि उन्होंने करीब ३० साल तक शिक्षा विभाग में नौकरी की है। मौके पर साइंस अध्यापिका मनविंद्र कौर, हरजिंद्र, पीटीआई हितेंद्र, रामसिंह, हंसराज, अनिल कुमार, रामकुमार,  राकेश गुप्ता, पंडित मेघनाथ शर्मा की धर्मपत्नी निर्मल शर्मा, बेटी शैलजा व प्रवेश, बेटा योगेश कुमार व अन्य लोग उपस्थित रहें।
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शुक्रवार, 1 अप्रैल 2011

जुल्फों को सवांरने के लिए हुई कार्यशाला

यमुनानगर। ये रेशमी जुल्फें, सरबती आंखें, इन्हें देखकर जी रहे हैं सभी। इस गीत को सुनने के बाद किसी के भी जहन में जुल्फों की तस्वीर खुद-ब-खुद उभर कर सामने आ सकती है। लेकिन दिन प्रतिदिन बढ़ रहे प्रदूषण के कारण रेशमी जुल्फें प्रभावित हो रही हैं। डीएवी गल्र्स कालेज में कॉस्मोटोलॉजी विभाग की ओर से हेयर रिबोंडिंग (कैमिकल जॉब) विषय कार्यशाला का आयोजन किया गया। दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान छात्राओं को जुल्फों सवारंने के लिए प्रैक्टिकल करवाया गया। इसमें मैट्रिक्स हेयर एकेडमी की नार्थ जोन की सीनियर टेक्निकल अंजू बाला ने छात्राओं को हेयर रिबोंडिंग के बारे में बताया। 
अंजू बाला ने सबसे पहले बालों की सरंचना के बारे में जानकारी दी। कई लोगों के बालों में रूखापन होता है, तो किसी के बाल ऑयली (स्टै्रट) तथा सामान्य होते हैं। ऑयली हेयर में रिबोंडिंग नहीं हो होती। रूखे बालों में भी रिबोंडिंग करने से पूर्व हॉट ऑयल थैरेपी की जरुरत होती है। इसके अलावा बालों में स्पा कर सकते हैं। रूखे बालों को देखभाल के लिए बढिय़ा प्रकार के शैंपू व कंडीशनर का इस्तेमाल करना बेहद जरुरी है।
ये है रिबोंडिंग-
रिबोंडिंग के बारे में जानकारी देते हुए अंजु ने बताया कि बाल तीन तरह के बाउंड से बने होते हैं। जिसमें बायो सल्फर, स्लाइन व हाइड्रोजन शामिल है। इनमें से कोई भी एक बाउंड कम है, तो हेयर रिबोंडिंग नहीं होगी। उन्होंने बताया कि बालों में लगी धूल मिट्टी व तेल को निकालने के लिए रिबोंडिंग से पूर्व उन्हें बढिय़ा शैंपू से धो लें। इसके उपरांत बालों को ८० प्रतिशत सूखाकर उन्हें प्रेसिंग कर लें। बालों के प्रकार के मुताबिक उनमें कैमिकल लगाया जाना चाहिए। इसके बाद ३० मिनट तक बालों को रैप (ढकना) कर दिया जाता है। अंजू ने बताया कि ३० मिनट से अधिक समय तक बालों पर कैमिलक लगाना हानिकाकर है। निर्धारित समय के बाद बालों को गुनगुने पानी से धो लेें। बालों को तब तक धोए, जब तक कैमिकल पूरी तरह से साफ न हो जाए। इसके बाद फिर से बालों को ८० प्रतिशत ड्राई करें और उन्हें प्रैस करने के बाद उन पर न्यूटीलाइजर लगाएं। बालों को १० मिनट तक छोड़ दें। फिर से बालों को धो लें। बालों को सूखाकर प्रैस करके सिरम (एक प्रकार का तेल) लगा लें।
उन्होंने बताया कि रिबोंडिंग के बाद बालों को तीन दिन तक धोना वर्जित है। किसी भी प्रकार से बालों को मोडऩा नहीं है। इतना ही नहीं सोते समय भी बालों को सीधा रखना है। तीन दिन के बाद बालों को कैमिकल से धोना चाहिए। इसके बाद बालों को स्पा दिया जाएगा। मौके पर विभाग के मनिंद्र शर्मा, रितू शर्मा, उवर्शी, हितेश, लवप्रीत, सिल्की, रोहिनी व हरजोत कौर उपस्थित रहें।
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बुधवार, 30 मार्च 2011

लोकतांत्रिक मूल्यों में थी नेहरू की आस्था: रविंद्रा

यमुनानगर। पंडित जवाहर लाल नेहरू की लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्यों में आस्था थी। आधुनिक भारत के निर्माण में उनका अतुल्नीय योगदान है। उक्त शब्द चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के पूर्व उप कुलपति पदमश्री डा. रविंद्रा कुमार ने डीएवी गल्र्स कालेज के नेहरू स्टडी सेंटर द्वारा नेहरू और समाजवाद विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के दौरान कहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कालेज प्रिंसिपल डा. सुषमा आर्य ने की।
डा. रविंद्रा कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय एकीकरण में नेहरू के योगदान को कभी भूलाया नहीं जा सकता। देश के पुन:निर्माण में पंडित नेहरू जी का योगदना समर्णिय है। किसी भी महान व्यक्ति के विचारों को पूर्वाग्रह से देखा जाता है। लेकिन हमें परिस्थितियों के अनुसार ही उनके विचारों का अपनाना चाहिए। देश के विकास के लिए उन्होंने टीम के रुप में कार्य किया। आज लोकतांत्रिक मूल्यों का ह्रास हो रहा है। जो कि गलत है।
गांधी मैमोरियल म्यूजियम एंड गांधी लाइब्रेरी नई दिल्ली के डिप्टी डायरेक्टर प्रोफेसर अनिल मिश्रा ने कहा कि हम विड़ंबनाओं के देश में रह रहे हैं और नेहरू जी विड़ंबनाओं को खतम करने की कौशिश की थी। नेहरू के सामने आजादी के दौरान कितनी चुनौतियां थी, इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि अगर पाकिस्तान नहीं बनता, तो आज हिंदूस्तान के अनेक टूकड़े हो गए होते। सरदार पटेल के एक पत्र से खुलासा हुआ है कि देश के विभाजन में पटेल, नेहरू व जिन्ना शामिल थे। नेहरू का उद्देश्य भारत को लोकतांत्रिक बनाना था। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, आईआईटी,  बाखड़ा डैम, इत्यादि सभी नेहरू जी की देन है। नेहरू ने देश में विज्ञान व कला को बढ़ाया दिया। लेकिन आज हम आजाद भारत के गुलाम नागरिक है।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय राजनीति शास्त्र विभाग के चेयरमैन प्रोफेसर आरएस यादव ने कहा कि नेहरू के विचारों में पूंजीवादी व माक्र्सवादियों का मिश्रण था। नेहरू सामाजिक बदलाव तो चाहते थे, लेकिन वे क्रांति के खिलाफ थे। नेहरू का समाजवाद अंतर्राष्ट्रीय स्थिति से जुड़ा हुआ है। नेहरू की सोच थी कि आखिरी आदमी तक योजना का लाभ पहुंचना चाहिए। तभी समाजवाद की सार्थकता सिद्ध होगी।
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हिमांशु राय ने बताया कि वर्ष १९६२ में जब लोकसभा सत्र के दौरान अटल बिहारी बाजपेयी ने नेहरू जी की आलोचना की थी, तो तब नेहरू ने कहा था कि वह भविष्य का प्रधानमंत्री है। नेहरू जी की दूरदृष्टि थी। उन्होंने कृषि के विकास के लिए कारगर कदम उठाए। नरेगा अब लागू हुआ है, जिसकी बात उन्होंने वर्षों पहले की थी। राइट टू फूड एक्ट, रोजगार का अधिकार इन सबकी की शुरूआत नेहरू जी ने बहुत पहले कर दी थी।
एचआईआईआरडी नीलोखेड़ी के डायरेक्टर प्रोफेसर रणबीर सिंह ने कहा कि नेहरू जी द्वारा बनाए गए पब्लिक सेक्टर का लाभ पूंजीपतियों को मिला। जिस कारण उस समय अमीरों व गरीबों के बीच खाई बढ़ गई। अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में उन्होंने भूमि सुधार पर ध्यान दिया, लेकिन राज्यों के मुख्यमंत्रियों की वहज से सुधार नहीं हो पाया। नेहरू ने साम्यवादियों व समाजवादियों को साथ नहीं जोड़ा। समाजवादी नेहरू को समाजवादी नहीं मानते थे और पूंजीवादी उन्हें समाजवादी कहते थे। आज के बदलते युग में नेहरू जी के विचार उतने ही प्रासांगिक है, जितने उस समय थे।
पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के सेवानिवृत प्रोफेसर पीएस वर्मा ने कहा कि जमींदारी प्रथा को खतम करने में नेहरू जी का योगदान था। वे मानते थे कि बड़े उद्योगों पर सरकार का कब्जा हो, ताकि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सकें। पंजाब यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मनीष शर्मा ने इंटरनेशनल टैरिज़म व इंवायरमेंट क्लाइमेट्स चेंज पर विचार प्रकट किए। उन्होंने कहा नेहरू नवभारत का निर्माण करना चाहते थे। पंजाब यूनिवर्सिटी की प्राध्यापिका कनुप्रिया ने अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में नेहरू की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रत्येक देश का कोड ऑफ कंडक्ट होना चाहिए। नेहरू स्टडी सेंटर के इंचार्ज प्रोफेसर मलकीत सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया। डा. आर्य ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से छात्राओं के ज्ञान में वृद्धि होती है।
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सोमवार, 28 मार्च 2011

थियेटर फेस्टिवल का आयोजन : गवाह नाटक का मंचन

यमुनानगर। डीएवी गल्र्स कालेज में सोमवार को थियेटर फेस्टिवल का आयोजन किया गया। जिसमें अंग्रेजी लेखिका अगाथा क्रिस्टी की रचना पर आधारित सुप्रसिद्ध कथाकार संजय सहाय द्वारा निर्देशित गवाह नाटक का मंचन हुआ। नाटक को देखकर दर्शक इतने अभिभुत हुए कि कालेज का सभागार आधे घंटे तक तालियों से गूंजता रहा। कलाकारों द्वारा की गई अदाकारी की सभी ने प्रशंसा की। कालेज प्रिंसिपल डा. सुषमा आर्य ने नाटक के निर्देशकों, कलाकारों व दर्शकों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के दौरान मुकंद लाल शिक्षण संस्थाओं के महासचिव डा. रमेश कुमार मुख्य अतिथि रहे। मौके पर सुप्रसिद्ध पत्रकार अजीत राय भी उपस्थित रहे।

मर्डर मिस्ट्री पर आधारित गवाह नाटक के दौरान दिखाया गया कि अदालत में केस को किस प्रकार से तरोड़ा मोड़ा जाता है। हत्यारे के खिलाफ ढेर सारे सबूत व गवाह होने के बावजुद किस प्रकार से ज्यूरी सिस्टम को दिगभ्रमित किया जा सकता है। नाटक का क्लाइमेक्स देखकर सभागार में बैठे दर्शक तब अचंभित रह जाते हैं। जब वास्तव में हत्या करने वाले लियोनार्ड वोल को अदालत से बाइज्जत बरी कर दिया जाता है। इस सारी प्रक्रिया में शहर का नामी वकील भी धोखा खा जाता है।
नाटक में लियोनार्ड वोल पर एक अधेड़ उम्र की औरत एमली फे्रंच की हत्या का आरोप है। उसके खिलाफ ढेर सारे सबूत व गवाह है। वोल चाहता है कि वकील सर विलफ्रीड उसकी पत्नी रोमेन को गवाही के लिए बुलाए। लेकिन वह ऐसा नहीं करता। फिर अचानक रोमेन सरकारी गवाह बनकर अपने पति वोल के खिलाफ गवाही देती है और कहती है कि वह उसकी पत्नी नहीं है और वोल ने ही एमली की हत्या की है। जिस कारण वोल की फांसी ज्यादा पुख्ता हो जाती है। इसी बीच वोल के वकील के पास कुछ चि_ियां आती है। जिसमें लिखा होता है कि रोमेन अपने प्रेमी के साथ मिलकर वोल को फांसी पर लटकवाना चाहती है। ताकि वह उससे आजाद हो सके। इसके बाद कोर्ट में वोल के प्रति सहानुभूति पैदा हो जाती है। जिस कारण वह बरी हो जाता है। बाद में पता चलता है कि वोल व रोमेन दोनों ने मिलकर १५ करोड़ रुपयों के लिए एमली फे्रंच की हत्या की थी और सारा ड्रामा खुद ही रचा था। 

नाटक के दौरान जटिल संवादों ने कलाकारों ने इस प्रकार से प्रस्तुत किया कि वह मंच पर जीवंत हो उठे। नाटक में बताया गया कि वहीं सच नहीं होता, जो दिखता है। आज के समय में अगर इस प्रकार की घटना घटती तो मीडिया उसपर कितना उन्माद पैदा करता, इसका अंदाजा खुद ही लगाया जा सकता है। ज्यूरी सिस्टम की इन खामियों से सबक ले, मीडिया को कोर्ट से पहले फैसले नहीं सुनाने चाहिए और तथ्यों पर आधारित कोर्ट के फैसले तक संयम बरतना चाहिए।
नाटक की समाप्ति पर निर्देशक संजय सहाय ने कहा कि इस प्रकार के नाटक हमें समाज में हो रही घटनाओं से जोड़ते हैं। उन्होंने सभागार में बैठे सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।
डा. रमेश ने कहा कि नाटक में कलाकारों द्वारा प्रस्तुत अभिनय की जितनी तारीफ की जाए, वह कम है। कलाकारों ने हर घटना को इतनी बारिकी से प्रस्तुत किया कि घटना जीवंत हो उठी। कालेज प्रिंसिपल डा. सुषमा आर्य ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन का उत्सव कालाकारों की प्रतिभा को निखाराना है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस प्रकार और भी आयोजन किए जाएंगे।


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शनिवार, 26 मार्च 2011

वालंटियर्स जांचेंगे मलेरिया मच्छर की ब्रिडिंग

-प्रदेश के सात जिले में रखे जाएंगे पांच हजार से ज्यादा वालंटियर्स-
-यमुनानगर जिले में नियुक्त होंगे ६७० वालंटियर्स-
-ग्रामीण क्षेत्र में २०० व शहरी क्षेत्र में ५०० घरों की जांच करेगा एक वालंटियर-

जगाधरी। आने वाले दिनों में अगर कोई व्यक्ति आपके घर पर आकर कूलर, गमलों व अन्य जगह पर रखे पानी में मलेरिया मच्छर की ब्रिडिंग (अड्डे देने वाली जगह) चेक करें, तो चौकिए मत। मलेरिया की रोकथाम के लिए डायरेक्टर हेल्थ सर्विसिज मलेरिया ने प्रदेश के सात जिलों में पांच हजार से ज्यादा वालंटिसर्य को नियुक्त करने का निर्णय लिया है। यमुनानगर जिले को भी इसमें शामिल किया गया है। मच्छर की ब्रिडिंग की जांच करने से पहले स्वास्थ्य विभाग बकायदा इन वालंटियर्स क टे्रनिंग देगा।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश में सबसे ज्यादा मलेरिया के केसिज़ यमुनानगर, करनाल, हिसार, सिरसा, गुडग़ांव, फरीदाबाद व फतेहाबाद जिले में सामने आते हैं। इन जिलों में मलेरिया पर अंकुश लगाने के लिए विभाग ने इस बार पहले से ही रणनीति बनाई है। विभाग के आला अधिकारियों के मुताबिक उक्त जिलों में गांव व वार्ड स्तर पर वालंटियर्स रखे जाएंगे। जो कि घर-घर जाकर मलेरिया मच्छर की ब्रिडिंग जांचेंगे। हाल ही में डायरेक्टर हेल्थ सर्विसिज मलेरिया ने उक्त सभी जिलों के सिविल सर्जन को पत्र भेजकर वालंटियर्स रखने के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद जिला स्तर पर वालंटियर्स रखने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
पीएचसी व सीएचसी स्तर पर दी जाएगी टे्रनिंग-
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक मलेरिया मच्छर की ब्रिडिंग चेक करने के लिए जिन वालंटियर्स को नियुक्त किया जाएगा, उन्हें पीएचसी व सीएचसी स्तर पर बकायदा टे्रनिंग दी जाएगी। टे्रनिंग के दौरान उन्हें मलेरिया मच्छर व लारवे की पहचान के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। लारवे को किस प्रकार से नष्ट करना है और उसे आगे फैले कैसे रोकना है, इस बारे में भी उन्हें बताया जाएगा। ताकि वे घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर सकें।
गांव में २०० व शहर में ५०० घर जांचेगा एक वालंटियर-
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक एक वालंटियर एक सप्ताह के दौरान गांव में २०० व शहर में ५०० घरों की जांच करेगा। वह अपने द्वारा जांचेगे गए घरों पर अगले चार सप्ताह तक नजर रखेंगे। घर में जांच के दौरान वह कूलर, गमलों व छत पर पड़े टायरों में पानी को जांचेगा। जिसकी रिपोर्ट वह विभाग के अधिकारियों को देगा। अगर कहीं पर मलेरिया की ब्रिडिंग मिलेगी, तो तुरंत विभाग के अधिकारी हरकत में आ जाएंगे और उक्त जगह पर जाकर दवा का छिडक़ाव करेंगे और दवाइयां वितरित करेंगे।
झूठी रिपोर्ट दी तो नपेंगे वालंटियर्स-
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक अगर किसी वालंटियर्स ने झूठी रिपोर्ट दी तो वह नपेंगे। विभाग के अधिकारियों की मानें तो वालंटियर्स द्वारा जांचें गए घरों की विभाग द्वारा नियुक्ति अधिकारी द्वारा रेंडमली जांच की जाएगी। जांच के दौरान अगर कोई घर ठीक नहीं  पाया गया या फिर वालंटियर्स द्वारा दी गई रिपोर्ट गलत मिली, तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। 
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डायरेक्टर हेल्थ सर्विसिज विभाग की ओर से जारी पत्र उन्हें मिल गया है। गांव व वार्ड स्तर पर वालंटियर्स रखने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द ही उनकी टे्रनिंग शुरू कर दी जाएगी। प्रदेश के सात जिलों में वालंटियर्स रखे जाएंगे। यमुनानगर में ६७० वालंटियर्स रखने का प्रावधान है। जो कि घर-घर जाकर मलेरिया मच्छर की ब्रिडिंग की जांच करेंगे। - डा. विजय मोहन अत्रेजा, डिप्टी सिविल सर्जन एवं जिला मलेरिया अधिकारी, यमुनानगर। 
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मंगलवार, 22 मार्च 2011

कोलॉज मेकिंग में अमनप्रीत व किरणदीप ने मारी बाजी

यमुनानगर। डीएवी गल्र्स कालेज में मंगलवार को इंटरनेशनल ईयर ऑफ कैमेस्ट्री के उपलक्ष्य में कोलॉज मेकिंग कंपीटिशन का आयोजन किया गया। जिसमें बीएससी प्रथम, द्वितीय व तृतीय वर्ष की छात्राओं ने भाग लिया। विजेता प्रतिभागियों को कैमेस्ट्री विभाग की अध्यक्षा डा. रवि बाठला ने पुरस्कृत किया।
डा. बाठला ने बताया कि छात्राओं ने कोलॉज मेकिंग के दौरान कैमेस्ट्री में इस्तेमाल होने वाली चीजों का प्रयोग किया। उन्होंने बताया कि हम डेली यूज में रोजाना रसायनों का इस्तेमाल करते हैं। जिसमें टूथेपेस्ट, साबून, कॉस्मेटिक्स, फूड प्रोडक्टस इत्यादि शामिल है। उपरोक्त सभी चीजों को बनाने के लिए विभिन्न  प्रकार के रसायनों का प्रयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि फूड प्रोडक्टस को खराब होने से बचाने के लिए रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है। डा. बाठला के मुताबिक मोमबत्ती बनाने के लिए हाइड्रो कार्बन, प्लास्टिक व टायर बनाने के लिए पोलीमर का प्रयोग किया जाता है। जबकि पेट्रोलियम के शुद्धिकरण से हमें पेट्रोल और एलपीजी गैस मिलती है। इस प्रक्रिया में भी रसायन का प्रयोग किया जाता है।
उन्होंने बताया कि छात्राओं ने कैमिस्ट्री इन द सर्विस ऑफ मैन काइंड विषय पर कोलॉज मेकिंग की। जिसमें उन्होंने दिखाया कि दवाइयों व उर्वरक में रसायन का प्रयोग किस प्रकार से होता है। इसके अलावा उन्होंने घर में प्रयोग होने वाली माचिस, क्लीनर्स, घड़ी में पडऩे वाले सैल, कास्मेटिक्स, मास्किटो क्वाइल्स, बलिचिंग पाउडर, बेकिंग पाउडर, मीठा सोडा, सीट्रिक एसिड इत्यादि के प्रयोग की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिकल चीजों में भी पोलीमर का प्रयोग किया जाता है। डा. उर्मिल राणा ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों में छात्राओं को अपनी प्रतिभा को दिखाने का अवसर मिलता है। कोलॉज मेकिंग के दौरान छात्राओं ने डेली यूज में होने वाली चीजों का बारिकी से अध्यन किया। जिससे उनका ज्ञान वृद्र्धन हुआ। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में भी इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
निर्णायक मंडल में डा. रवि बाठला, डा. उर्मिल राणा, डा. नीना बजाज व डा. आभा शामिल रहीं। कार्यक्रम को सफल बनाने में एरिका सुनेजा व सोनिया कांबोज ने सहयोग दिया।
इस प्रकार रहा परिणाम-
बीएससी नॉन मेडिकल प्रथम वर्ष की छात्रा अमनप्रीत कौर व किरनदीप कौर ने संयुक्त रुप से पहला, अंजली व कोमन ने दूसरा तथा जसनीत व नैंसी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
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शुक्रवार, 18 मार्च 2011

डीएवी में सत्र समापन पर हुआ २१ कुंडीय हवन यज्ञ

डीएवी गल्र्स कालेज में सत्र समाप्ति के अवसर पर २१ कुंडीय हवन यज्ञ के दौरान पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।चंडीगढ़ से आए पंडित यजब्रह्मा दाऊ दयाल जी शास्त्री ने मंत्रोच्चारण के साथ यज्ञ में पूर्णाहुति डलवाई और छात्राओं के सुखद व उज्ज्वल भविष्य की कामना की। कार्यक्रम की अध्यक्षता कालेज प्र्रिंपिल डा. सुषमा आर्य ने की।

२१ कुंडिय हवन यज्ञ शुरू करने से पूर्व पंडित दाऊ दयाल जी शास्त्री जी ने सभी छात्राओं से आह्वान किया कि वे  परमपिता परमेश्वर का ध्यान करें। जो कि सर्वत्र विद्यमान है और सर्वशक्तिमान है। योगीजन उसका ध्यान करते हैं और विद्वान उसी की महिमा का गान करते हैं। वो ही सबका पालन हार है। ओम नाम का उच्चारण करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमें सदैव गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। गायत्री मंत्र का जाप करने से जीवन सुगंधित हो जाता है और हमें आत्मिक बल मिलता है। उन्होंने छात्राओ से आह्वान किया कि वे ईश्वर की स्तुति का मिलकर पाठ करें। उन्होंने कहा कि योग व भक्ति के जरिए परमात्मा को पाया जा सकता है। उन्होंने प्रभू से आह्वान किया कि हे प्रभू मेरी वाणी में माधुर्य भर दो, इतना ही नहीं मेरा वाणी पर नियंत्रण रहे। ताकि जीवन में सौहार्द की भावना भरी रहे।
उन्होंने बताया कि जीवन भी एक यज्ञशाला है। इसे देवताओं की भूमि भी कहा जाता है। इसी के माध्यम से हम पुण्य कमा सकते हैं। जिसके जरिए हम जीवन में ऊंचा उठ सकते हैं। उन्होंने कहा कि शरीर को पाकर प्राणियों ने बुलंदियों को  छूआ है। मनुष्य ने ज्ञान विज्ञान की आहूति दी है। उन्होंने कहा जब मनुष्य अच्छा खाएगा और अच्छा सोचेगा, तभी हमार अत:करण अच्छा होगा, अन्यथा नहीं। उन्होंने कहा कि संस्कृति के माध्यम से मन को निर्मल बनाया जा सकता है। जिसके बाद मन शिव संकल्पों वाला बन जाता है। उन्होंने छात्राओं से आह्वान किया कि वे जीवन में पुरुषार्थ करें और बुलंदियों को छुए। जो विद्यार्थी जीवन में मेहनत करता है, वह ताउम्र सुख भोगता है और जो मेहनत नहीं करता उसे दुखों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने छात्राओं से आह्वान किया कि वे अपने माता-पिता व गुरुजनों का आदर सत्कार करें और नित्य प्रतिदिन उन्हें नमस्कार करें। इससे उन्हें भगवान का भरपुर आशीर्वाद प्राप्त होगा। तभी तो कहा गया है पितृ देवो भव: आचार्य देवो भव:। उन्होंने कहा कि गायत्री मंत्र का जाप करने से बुद्धि का विकास होता है। इससे जीवन प्रकाशमय होता है। इस मंत्र का जाप करने से दीर्घायु प्राप्त होती है।
कालेज प्रिंसिपल डा. सुषमा आर्य ने कहा कि डीएवी गल्र्स कालेज महापुरुषों के दिखाए हुए रास्ते पर अग्रसर है। कालेज में समय-समय पर हवन यज्ञ का आयोजन किया जाता है। ताकि युवा पीढ़ी में नैतिक गुणों का समावेश हो सकें। छात्राएं सफलता की बुलंदियों को छुएं। २१ कुंडीय हवन यज्ञ में पूर्णाहुति के उपरांत कालेज परिसर में लंगर का आयोजन किय गया। जिसमें को सारे स्टाफ व छात्राओं ने प्रसाद ग्रहण किया। 
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सोमवार, 7 मार्च 2011

चूल्हा चौंका छोड़ ली कंप्यूटर की शिक्षा

चूल्हे चौकें के चक्कर में पूरा दिन कब बीत जाता था, इसका अंदाजा ही नहीं लग पाता था। लेकिन आज वे बेहद खुश है, क्योंकि उन्होंने खुद के व्यक्तित्व विकास के लिए डीएवी गल्र्स कालेज के विमैन स्टडी सेंटर द्वारा आयोजित कंप्यूटर लिटरेसी कोर्स को पूरा कर लिया है। सोमवार को कालेज में ग्रामीण क्षेत्र की ऐसी महिलाओं व लड़कियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए, जिन्होंने तीन महीने तक इस कोर्स में भाग लिया। विमैन स्टडी सेंटर की इंचार्ज अर्चना रावत ने बताया कि ग्रामीण व शहर की विभिन्न कालोनियों में रहने वाली महिलाओं को कंप्यूटर शिक्षा देने के उद्देश्य से करीब तीन महीने पहले कंप्यूटर लिटरेसी कोर्स शुरू किया गया था। जिसमें जम्मू कालोनी, रतनपुर, तेजली, छछरौली क्षेत्र की २५ महिलाओं व लड़कियों ने भाग लिया। कोर्स के दौरान कंप्यूटर विभाग की शिक्षिकाओं ने इन्हें बेसिक कंप्यूटर, इंटरनेट, टाइपिंग, एमएस वर्ड, विडों इत्यादि की जानकारी दी गई। ताकि वे इसका प्रयोग दैनिक कार्यों में कर सकें। कालेज प्रिंसिपल डा. सुषमा आर्य ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में आज भी ज्यादातर लड़कियां व महिलाएं कंप्यूटर शिक्षा से वंचित है। तीन महीने तक चले इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य उन्हें कंप्यूटर की नई तकनीक से अवगत करना था। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में भी कालेज में इस प्रकार के तीन और कोर्स आयोजित किए जाएंगे। ताकि ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण महिलाओं को कंप्यूटर की नि:शुल्क शिक्षा दी जा सकें। समारोह में डा. अलका व डा. मंजू खन्ना ने महिलाओं व लड़कियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। समारोह के दौरान विमैन स्टडीज़ कोर्स की छात्राओं को भी प्रमाण पत्र वितरित किए गए।
कभी नहीं सोचा था कि ऐसा होगा-
छछरौली निवासी रजनी, रेखा, मंजू, जम्मू कालोनी की शारदा, सोनिया व रेखा का कहना है कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वे इस प्रकार से कंप्यूटर की शिक्षा लेंगी। पहले तो उन्हें कंप्यूटर की एबीसीडी भी मालूम नहीं थे। लेकिन तीन महीनों के दौरान वे इतना जरुर सीख गई हैं कि ठीक प्रकार से उसे ओपरेट कर सकें। रतनपुरा निवासी मोहन लता, दिव्या, रोशनी व इंदू का कहना है कि कंप्यूटर सीखने के बाद अब वे अपने रिश्तेदारों के यहां ई मेल इत्यादि भेज सकती है। इसके अलावा वे अन्य कार्य भी कर रही हैं। नि:शुल्क में कंप्यूटर शिक्षा देकर मुख्यधारा से जोडऩे का श्रेय डीएवी गल्र्स कालेज के विमैन स्टडी सेंटर को जाता है। 
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शनिवार, 5 मार्च 2011

रक्तदान से बड़ा नहीं कोई पुनित कार्य: शर्मा

-रक्तदान शिविर में एकत्रित की १५१ यूनिट-

यमुनानगर। डीएवी गल्र्स कालेज में शुक्रवार को कालेज की एनएसएस यूनिट व रेड रिबन क्लब के सौजन्य से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर कालेज की पूर्व प्रिंसिपल डा. कमलेश भंडारी की याद में लगाया गया, जबकि इसे यमुनानगर के स्टार ब्लड डोनर केपी शशि को समर्मिपत किया गया। शिविर में १५१ यूनिट रक्त एकत्रित हुआ। शिविर का उद्घाटन स्टार ब्लड डोनर के पिता एनके शर्मा ने किया। जबकि अध्यक्षता कालेज प्रिंसिल डा. सुषमा आर्या ने की।

डा. शर्मा ने कहा कि उनके बेटे केपी शशि ने यमुनानगर में सबसे ज्यादा बार ब्लड डोनेट किया है, जो कि उनके लिए उपलब्धि से कम नहीं है। उन्हें इस बात की खुशी है कि डीएवी गल्र्स कालेज ने उनके बेटे की याद में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया है। जिसे उनका परिवार ताउम्र याद रखेंगा। उन्होंने कहा कि रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं है। खून की  एक-एक बूंद अमूल्य है। जो कि किसी को जीवन प्रदान करने में कारगर साबित होती है।
कालेज प्रिंसिपल डा. आर्य ने कहा कि सामाजिक कार्यों को बढ़ावा देने के लिए कालेज सदा अग्रणीय रहता है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर कालेज में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया है। उन्होंने छात्राओं से आह्वान किया कि वे रक्तदान के लिए सदा तैयार रहे। शिविर के दौरान डा. आर्या ने भी रक्तदान किया। रेडक्रास समिति के सचिव डा. डीआर शर्मा ने कहा कि यमुनानगर जिले के लिए यह सुखद है कि बेटियां रक्तदान के लिए आगे आ रही हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण उन्हें डीएवी गल्र्स कालेज के प्रागण में लगाए गए रक्तदान शिविर में देखने को मिला। रक्तदान के मामले में डीएवी गल्र्स कालेज का जिले मेें अग्रणीय स्थान है। जब भी सोसायटी को रक्त की जरुरत पड़ती है, तो वह समय-समय पर जिले के शिक्षण संस्थानों में शिविर का आयोजन कर रक्त एकत्रित करने का काम करती है। शिविर को सफल बनाने में रेडक्रास की टीम के साथ आए डाक्टर्स की टीम ने सहयोग दिया। मौके पर शिविर के आयोजक डा. भावना, डा. गुरशरन ने छात्राओं का मनोबल बढ़ाया।
जन्मदिन पर किया रक्तदान-
कालेज की छात्रा करिश्मा ने शुक्रवार को अपने जन्मदिन पर रक्तदान किया। करिश्मा का कहना है कि उसके लिए यह खुशी की बात है कि वह किसी का जीवन बचाने के उद्देश्य से रक्तदान कर रही है। पहली बार रक्तदान करने वाली छात्राओं से जब बातचीत की गई, तो उन्होंने कहा कि रक्तदान करने से उन्हें शकुन मिला है। बी कॉम प्रथम वर्ष की महिमा मेहता व सुरभि मेहता का कहना है कि सेवा भाव के नाते उन्हें ब्लड दिया है। रक्तदान करने की प्रेरणा उन्हें अपने टीचर्स से मिली है। बीए मास कम्यूनिकेशन अंतिम वर्ष की छात्रा करुणा का कहना है कि रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं है। इसलिए वह रक्तदान कर रही है। उनके द्वारा दान किया गया रक्त किसी को जीवन प्रदान करेगा। बी-कॉम द्वितीय वर्ष की छात्रा मंनिद्र कौर का कहना है कि रक्तदान करने की प्रेरणा उसे अपने मम्मी पापा से मिली है।

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