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गुरुवार, 18 जुलाई 2013

ओवरलोडिड’ कार ट्रक से टकरायी, 4 मरे



‘ओवरलोडिड’ कार ट्रक से टकरायी, 4 मरे
यमुनानगर में दुर्घटनाग्रस्त कार। -हप्र
यमुनानगर, 17 जुलाई (हप्र)। मंगलवार देर रात आल्टो कार व रेत से भरे ट्रक के बीच जबरदस्त टक्कर होने से कार में सवार चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 6 लोग घायल हो गए। आल्टो में महिलाओं व चार बच्चों समेत दस लोग सवार थे। हादसे के बाद ट्रक का ड्राईवर मौके से फरार हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कार चालक ने शराब पी हुई थी एवं ट्रक तेज़ गति में था।
जानकारी के अनुसार ईएसआई अस्पताल केपीछे बसे गुरुनानक पुरा कालोनी निवासी प्रिंस की मंगलवार को शादी हुई थी। रात को गीता भवन में विवाह केबाद पार्टी का आयोजन किया गया था।  विवाह पार्टी में परिवार व रिश्तेदार शामिल हुए। देर रात को पार्टी केबाद प्रिंस की मां नीलम, चंडीगढ़ सेक्टर 20 निवासी मौसी बचनी देवी उर्फ आशा रानी, मौसी का बेटा श्याम कुमार, जीजा जालंधर निवासी राकेश कुमार, जीजा बसंत नगर निवासी लवनीश, बहन सोनिया, अंबाला कैंट निवासी कमल, बहन के दोनों बच्चे शिवम, युवराज चंडीगढ़ निवासी निहारिका कार से वापस रात्रि साढ़े बारह बजे गुरुनानक पुरा कालोनी में घर पर लौट रहे थे।
इस दौरान मधु चौक यमुनानगर पर उनकी कार की रेत से भरे ट्रक के साथ जबरदस्त टक्कर हो गई।  हादसे में कार में सवार दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और तीसरे ने अस्पताल जाते हुए दम तोड़ दिया, जबकि चौथे की इलाज के दौरान मौत हो गई।
मृतकों के रिश्तेदार प्रिंस ने बताया कि कार में सवार दस लोग  शादी समारोह से लौट रहे थे। मरने वालों में नीलम, बचनी देवी, शामू व एक इस परिवार का दामाद शामिल हैं।
ड्रंकन ड्राइविंग या कुछ और?
जांच अधिकारी देवेंद्र राणा ने बताया कि रेत बजरी वाले ट्रक को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। फरार ड्राइवर को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस पार्टी भेजी गई है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कार चालक ने शराब पी हुई थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है कि चालक शराब के नशे में था या नहीं।
वहीं हरजीत, प्रीतम व संदीप का कहना है कि शहर में रात के समय गुजरने वाले रेत व बजरी के ये ट्रक अकसर शहर में दुर्घटनाओं का सबब बनते हैं।
लेकिन पुलिस इन पर लगाम लगाने में असमर्थ रही है। उन्होंने कहा कि खनन माफिया के लोग रात के समय अवैध खनन करते हैं। पुलिस व अधिकारियों के हाथों पकड़े जाने के भय से ये वाहनों को अंधाधुंध बेपरवाह दौड़ाते हैं। इन्हीं में से एक ट्रक गत रात शहर के बीचों बीच मधु चौक पर दौड़ कर निकल रहा था कि सामने से आ रही आल्टो कार के साथ जा टकराया।
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सोमवार, 15 जुलाई 2013

यमुनानगर के शर्मा परिवार ने फिल्मों में जमाया सिक्का

यमुनानगर के शर्मा परिवार ने फिल्मों में जमाया सिक्का

Posted On July - 15 - 2013
सुरेंद्र मेहता/हमारे प्रतिनिधि
यमुनानगर में पत्रकारों से बातचीत करता फिल्मों में किरदार निभाने वाला परिवार। छाया : हप्र
यमुनानगर, 14 जुलाई। देश व विदेश में धूम मचाने वाली चर्चित फिल्म भाग मिल्खा भाग व बीए पास में यमुनानगर के कलाकारों ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। यही नहीं यहां रहने वाले एक ही परिवार के तीन सदस्य फिल्मों में काम कर यहां का नाम रोशन कर रहे हैं। भाग मिल्खा भाग में जहां यहां के बेटे व मां ने किरदार निभाया है वहीं बीए पास में मां महत्वपूर्ण भूमिका में है।
स्थानीय माडल कालोनी में रहने वाले राजिंद्र शर्मा, उनकी पत्नी गीता शर्मा व बेटा चिन्मय शर्मा आज किसी भी परिचय के मोहताज नहीं हैं। चिन्मय शर्मा को तो चिल्लर पार्टी फिल्म में अच्छा अभिनय करने पर सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का पुरस्कार भी मिल चुका है। अब यह परिवार फिल्म भाग मिल्खा भाग व बीए पास को लेकर चर्चा में है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए गीता शर्मा व राजेंद्र शर्मा ने बताया कि भाग मिल्खा भाग फिल्म जिसे  कि राकेश ओमप्रकाश मेहरा जिन्होंने दिल्ली-6 व रंग दे बसंती जैसी बड़ी फिल्में दी हैं, द्वारा ही बनाई गई है। इस फिल्म में उनके बेटे चिन्मय बचपन केमिल्खा के दोस्त समप्रीत का किरदार निभा रहे हैं। इसी फिल्म में गीता शर्मा खुद मिल्खा की मां का किरदार निभा रही हैं। उन्होंने बताया कि हालांकि उनका किरदार इस फिल्म में चाहे थोड़ा है लेकिन है महत्वपूर्ण। इस फिल्म में दिखाया गया है कि चिन्मय किस प्रकार मिल्खा केसाथ अपना बचपन गुजारता है। उसी केसाथ ही स्कूल जाता है और हर प्रकार की मस्ती भी करता है। इसी केसाथ ही गीता शर्मा की एक अन्य फिल्म बी.ए. पास में भी उनका महत्वपूर्ण रोल है और वे फिल्म के हीरो की बुआ का मुख्य किरदार निभा रही हैं। उन्होंने बताया कि यह फिल्म भी दर्शकों को खूब पसंद आएगी। इसके अतिरिक्त चिन्मय एक टी.वी. चैनल पर आने वाले कार्यक्रम मास्टर सैफ जूनियर के प्रोमों में भी काम कर रहे हैं। जल्द ही चिन्मय की अगली फिल्म क्वीन जो कि कंगना राणावत के साथ है, जल्द ही दर्शकों को देखने को मिलेगी। इस फिल्म में चिन्मय कंगना के भाई का किरदार निभा रहा है।  राजेंद्र शर्मा उर्फ नानू की प्रतिभा भी पहले कई बड़े फिल्मी स्टारों के साथ दिख चुकी है। जल्द ही उनकी अगली फिल्म बजाते रहो रिलीज होने वाली है। नानू ने कहा कि इस फिल्म में उनका नेगेटिव किरदार है। इस फिल्म में वे अपने बहनोई के साथ मिलकर मिलावटी धंधा करते हुए दिखाई देंगे। इससे पहले भी दर्जनों फिल्मों में राजेंद्र काम कर चुके हैं और थियेटर की दुनिया में राजेंद्र शर्मा एक जानामाना नाम है और न जाने कितने अवार्डों से राजेंद्र शर्मा को सम्मानित किया जा चुका है।
जिले का बाल कलाकार चिन्मय प्रदेश का एकमात्र ऐसा बाल कलाकार है जिसे पिछले वर्ष उप राष्ट्रपति द्वारा एक समारोह में सम्मानित किया गया था। चिन्मय ने अपनी पहली फिल्म चिल्लर पार्टी जो कि सलमान खान द्वारा निर्मित थी, में पनौती की भूमिका निभाते हुए अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था।  चिन्मय की माता गीता शर्मा इन दिनों लाइफ ओके टी.वी. पर दिखाए जाने वाले धारावाहिक कैसा है ये इश्क में भी मुख्य भूमिका निभा रही हैं।

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रविवार, 14 जुलाई 2013

अस्‍पतालों में नहीं रहेगी दवा की कमी

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कोख में ही बच्चे का सौदा!

कोख में ही बच्चे का सौदा!

Posted On July - 13 - 2013
सुरेंद्र मेहता/हमारे प्रतिनिधि
यमुनानगर में शनिवार को मीडिया से रूबरू होती महिला। -हप्र
यमुनानगर, 13 जुलाई। यमुनानगर के गांव बूडिय़ा में रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना में खुद को ‘मजबूर’ बताने वाली मां ने अपने अजन्मे बच्चे का कोख में ही सौदा कर डाला। उसने 8 मास के अपने अजन्मे बच्चे को बेचने के लिए विभिन्न साधनों से प्रचार किया। मामला उपायुक्त के दरबार पहुंचा तो उन्होंने जांच के आदेश जारी कर दिए। उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षक इस मामले की हर पहलू से जांच करेंगे।
यह मामला यमुनानगर के गांव बूडिय़ा का है। वहां की एक महिला अपने को ‘मज़बूर’ बताते हुए अपनी कोख का ‘सौदा’ कर रही है। उसने 8 मास के अजन्मे बच्चे की विभिन्न साधनों से प्रचार करके ‘नीलामी’ शुरू कर दी है। महिला का कहना है कि उसने अपने मां-बाप व भाइयों से कर्ज लिया था। वह बुरी तरह से कर्ज के तले दब चुकी है और किराए के मकान में रहती है। घरों में बर्तन साफ करने का काम कर रही यह महिला इस संबंध में तर्क दे रही है कि उसके पास तीन लड़के हैं, उनका पालन-पोषण वह नहीं कर पा रही है। अपनी अजन्मी चौथी संतान को बेचकर वह अपना व अपने तीन बच्चों का भविष्य सुखद करना चाहती है।
वह चाहती है कि उसे इतना रुपया मिल जाए कि वह कर्ज उतारने के बाद अपना मकान बनाकर अपने तीन लड़कों को ठीक तरीके से पाल सके। अखबारों में छपे विज्ञापन के माध्यम से उसके पास कई फोन कॉल भी आई हैं। उसका कुछ लोगों से ‘सौदा’ इसलिए टूटने लगा कि कीमत कम मिल रही है। उसे मालूम हो गया है कि बे-औलाद किसी भी कीमत पर औलाद पाना चाहते हैं। इस महिला का पंजाब के बठिंडा में एक व्यक्ति से 6 लाख में सौदा तय हो गया था, लेकिन बाद में बठिंडा निवासी इस व्यक्ति ने संदेह जताते हुए पुलिस में शिकायत कर दी।पुलिस में शिकायत होने के बाद महिला कैमरे के सामने भी आई है और उसने कहा है कि उसे सौदा होने के बाद आशा की एक किरण नजर आई थी। लेकिन मामला पुलिस प्रशासन में जाने से वह हताश है।
महिला का कहना है कि अभी तक उम्मीद है कि किसी न किसी के साथ उसका यह सौदा ज़रूर हो जाएगा। उसका कहना है कि वह कोई अपराध नहीं कर रही। अपनी कोख पर उसका अधिकार है और वह उसे बेच रही है।
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बुधवार, 10 अप्रैल 2013

यमुनानगर में नामधारियों के गुरुद्वारे में तनाव


सुरेंद्र मेहता/हमारे प्रतिनिधि
यमुनानगर में गुरुद्वारे के बाहर गेट पर तैनात पुलिस बल व अधिकारी और लोगों के बीच घिरे हुए नामधारी संप्रदाय के गुरु ठाकुर दलीप सिंंह। -हप्र
यमुनानगर, 9 अप्रैल । यमुनानगर के नामधारी गुरुद्वारे में गद्दी को लेकर विवाद अब काफी तूल पकड़ता जा रहा है और पंजाब से आए एक संत के गुरुद्वारे में जाने से बढ़े विवाद में थप्पड़ मुक्के चलने के बाद तनाव बढ़ता देख पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा है। अगर जिला के आला अधिकारी समय रहते वहां नहीं पहुंचते तो एक बड़ी अनहोनी होने की लोगों को आशंका थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार नामधारी गुरुद्वारे में गद्दी के स्थान व जायदाद को लेकर दो गुट बने हुए हैं। यहां पर विरोध का सामना कर रहे पंजाब से आये नामधारियों के गुरु ठाकुर दलीप सिंह को सुरक्षा प्रदान करने के बाद मामला शांत हुआ। इस संबंध में डीएसपी यमुनानगर अशोक सभ्रवाल ने बताया कि विश्वकर्मा मोहल्ले में स्थित नामधारी गुरुद्वारे में ही एक गुट ऐसा उभर चुका है, जो गुरुद्वारे की गद्दी व जायदाद हथियाने के लिए पंजाब के लुधियाना से आने वाले नामधारी ठाकुर दलीप सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल चुका है। यह मुद्दा देखते ही देखते शहर में फैल गया और जब तनाव बढ़ गया तो वहां पर एसडीएम राजनारायण कौशिक व डीएसपी बिजेंद्र सिंह आदि वहां पहुंचे व नामधारी ठाकुर दलीप सिंह को सुरक्षा के लिए घेरे में ले लिया।भीड में से बचाकर उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। नामधारी संप्रदाय के गुरु ठाकुर दलीप सिंह को मीडिया से भी दूर रखा गया। उन्होंने जाते-जाते केवल यही कहा कि इस समय जो प्रशासन चाहता हैं, वही उचित है। पुलिस ने फिलहाल किसी प्रकार का मुकदमा दर्ज नहीं किया है।
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शनिवार, 30 मार्च 2013

अवैध संबंधों के शक में कुल्हाड़ी से पत्नी की हत्या

अवैध संबंधों के शक में कुल्हाड़ी से पत्नी की हत्या

Posted On March - 30 - 2013
घटनास्थल पर हत्याकांड की जांच करते पुलिस कर्मी।
यमुनानग। हरियाणा के यमुनानगर के गांव मानकपुर में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की अवैध संबंधों के शक में कुल्हाडी से काटकर निर्मम हत्या कर दी। पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। हत्या आरोपी पति अभी फरार बताया गया है।
पुलिस व ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जगाधरी पांवटा साहिब हाईवे पर स्थित गांव मानकपुर निवासी कर्मचंद अकसर शराब पीकर अपनी पत्नी से मारपीट करता था। कर्मचंद को शक था कि उसकी पत्नी निर्मला चरित्रहीन है और उसके किसी व्यक्ति के साथ अवैध संबंध हैं। जब दोनों के बीच आपस में इस शक को लेकर झगड़ा काफी बढऩे लगा तो वह अपने मायके में जाकर रहने लगी। लेकिन कर्मचंद के दिमाग में अपनी पत्नी के प्रति नफरत बढ़ गई। इस बीच उसकी पत्नी यह सोचकर अपने मायके सेे वापस आ गई कि अब कर्मचंद में कुछ सुधार आ गया होगा। लेकिन शुक्रवार सुबह जब निर्मला घर से बाहर खेतों में शौच के लिए गई तो कर्मचंद भी कुल्हाड़ी लेकर उसके पीछे चला गया। सुनसान जगह देखकर कर्मचंद ने कुल्हाड़ी से उस पर इतने वार किए कि उसकी तुरंत मौत हो गई।
प्रत्यक्षदर्शी धर्मपाल ने पुलिस को बताया कि उसकी पत्नी दुष्चरित्र नहीं थी। जब वह हत्या कर रहा था तो उसने उसे देख लिया और मौके से तुरंत फरार हो गया। घटना की सूचना मिलते ही यमुनानगर से आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे व घटनास्थल की जांच की।
डीएसपी अशोक सभरवाल का कहना है कि कर्मचंद ने अपनी पत्नी के सिर पर कुल्हाड़ी से सात वार किए हैं। घटनास्थल से कुछ दूरी पर कुल्हाड़ी मिल गई है। वह उसे वहीं फेंक कर चला गया था। पुलिस ने उसे कब्जे में ले लिया है। पति के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि हत्या के कारणों का खुलासा कर्मचंद की गिरफ्तारी के बाद हो सकेगा। उसे गिर तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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शुक्रवार, 22 मार्च 2013

मुन्ना भाई को सजा के बाद मंडौली में नहीं जला चूल्हा

मुन्ना भाई को सजा के बाद मंडौली में नहीं जला चूल्हा

Posted On March - 21 - 2013
सुरेंद्र मेहता/हमारे प्रतिनिधि
यमुनानगर के गांव मंडौली में संजय दत्त को सुप्रीमकोर्ट द्वारा सजा सुनाए के बाद मायूस बैठे चाचा-चाची। -हप्र
यमुनानगर, 21 मार्च। मुंबई ब्लास्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा संजय दत्त उर्फ मुन्ना भाई को पांच वर्ष की सजा सुनाए जाने पर उनके पैतृक गांव मंडौली में दिन भर चूल्हा नहीं जला। फैसला सुनाए जाने से पहले ग्रामीणों ने मंदिरों और मस्जिद में जाकर उनकी रिहाई की दुआएं मांगी। लेकिन ग्रामीणों की दुआएं भी काम नहीं आई और उन्हें सजा हो गई। जिसके बाद मंडौली गमजदा हो गया। संजय दत्त के चाचा-चाची का कहना है कि यह सजा संजय दत्त को नहीं बल्कि पूरे दत्त परिवार को मिली है, जिससे उभर पाना बहुत मुश्किल है।
बृहस्पतिवार सुबह होते ही मंडौली के ग्रामीण अपने प्रिय अभिनेता एवं नेता स्वर्गीय सुनील दत्त उर्फ बल्लु फौजी के लाडले बेटे की अदालत से रिहाई के लिए मंदिरों व मस्जिदों में जाकर दुआ मांगने लगे थे। ग्रामीणों को उम्मीद थी कि उनकी दुआ रंग  लाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दोपहर होते ही अदालत से जैसे ही मुन्ना भाई को पांच वर्ष की सजा का आदेश हुआ तो मंडौली गांव में मातम छा गया। लोगों के घरों के चूल्हों में सुलग रही आग शांत हो गई और ग्रामीणों के चेहरों पर मायूसी छा गई। ग्रामीण तुरंत मुन्ना भाई के मंडौली में रह रहे चाचा सोमदत्त के घर की और सांत्वना देने दौड़े। सांत्वना देने का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा।
शूगर की मरीज एवं पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे चाचा सोमदत्त की जुबान मन की पीड़ा बयान करने के लिए भी उनका साथ नहीं दे रही थी और चाची का तो कहना था कि यह दत्त परिवार के लिए सबसे दुख की घड़ी है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले चाचा सोमदत्त गांव के ही मंदिर में थे और चाची घर में ही बने मंदिर में हाथ जोड़कर भगवान से संजय दत्त के लिए राहत की प्रार्थना कर रही थी। लेकिन जैसे ही टीवी पर फैसला आया दोनों निराशा के अंधकार में डूब गये।
संजय दत्त के चाचा सोमदत्त ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि वह न्यायपालिका के फैसले का सम्मान करते हैं। हालांकि उन्हें उम्मीद थी कि संजय दत्त के स्वर्गीय पिता सुनील दत्त द्वारा देश के हित में किए गए कार्यों को देखते हुए मुन्ना भाई को सजा में छूट मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
बुजुर्गों के लाडले और युवाओं के सबल एवं बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त के पिता बलराज उर्फ बल्लु फौजी (सुनील दत्त) का परिवार देश के बंटवारे के बाद मंडौली में आकर बसा था। इस गांव में सरकार ने सुनील दत्त के परिवार को 14 एकड़ भूमि आवंटित की थी। मंडौली में बस जाने के बाद सुनील दत्त ने सेना की नौकरी छोड़ दी और आकाशवाणी सिलोन में बतौर उद्घोषक की नौकरी कर ली। लेकिन कुछ दिन के बाद ग्लैमर की दुनिया उन्हें मुंबई खींच ले गई। वर्ष 1955 में संजय दत्त के पिता स्व. सुनील दत्त को पहली बार रेलवे प्लेटफार्म नामक फिल्म में काम मिला। इसके बाद बॉलीवुड में वह बेताज बादशाह बन गए। उन्होंने मुंबई जाने के बाद फिल्म अभिनेत्री नरगिस से शादी कर ली और संतान के रूप में संजय दत्त और प्रिया दत्त का जन्म हुआ। इसके बाद संजय दत्त के भी बॉलीवुड में छा जाने के बाद मंडौली गांव को देश भर में पहचान मिल गई। सुनील दत्त ने बालीवुड में पहचान बनाये जाने के बावजूद यमुनानगर को नहीं छोड़ा और वह बार-बार यहां आते रहते थे।

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गुरुवार, 21 मार्च 2013

मुख्यमंत्री को शहर की हालत बतानी पड़ी महंगी


सुरेंद्र मेहता/हमारे प्रतिनिधि
यमुनानगर, 20 मार्च। कहावत है सरकार के अगाड़ी और घोड़े के पिछाड़ी नहीं जाना चाहिए, लेकिन यही जुर्रत यमुनानगर निवासी एक आम आदमी सुरेश कुमार सैनी कर बैठा और अब यमुनानगर शहर में कानून व्यवस्था के मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डïा को पत्र लिखने के एवज में उसे लेने के देने पड़ रहे हैं। पुलिस ने पूरे परिवार को मुकदमों में फंसा दिया है। भादंसं की धारा 186, 294, 332 व 353 के तहत दर्ज मामले में चार नाबालिग बच्चे-बच्चियां भी शामिल हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए अब मानव अधिकार आयोग को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा है। उधर, डीएसपी फूल कुमार का कहना है कि सुरेश सैनी अपने खिलाफ दर्ज मामले को रफा-दफा करवाने के लिए पुलिस पर दबाव बनाने के लिए ऐसी शिकायतें कर रहा है जबकि हकीकत में ऐसा कुछ नहीं हुआ।
सुरेश कुमार सैनी द्वारा मानव अधिकार आयोग को लिखी शिकायत में कहा है कि उसने 31 जनवरी, 2012 व 11 फरवरी 2012 में प्रदेश के सीएम को यमुनानगर जिला में बढ़ रहे अपराधों के संबंध में अखबारों की कटिंग लगाकर जानकारी भेजी थी। मुख्यमंत्री ने पुलिस से जवाब मांगा तो डीएसपी मुख्यालय ने जांच के बाद रिपोर्ट मुख्यमंत्री सचिवालय को भेजनी थी। लेकिन इस शिकायत पर सुरेश कुमार सैनी से पुलिस प्रशासन बुरी तरह से खफा हो गया। सुरेश कुमार सैनी का आरोप है कि उसे कार्यालय में बुलाकर धमकाया गया और कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करवा लिए। लगे हाथ उसे धमकी दी गयी कि सीएम को पुलिस की शिकायत उसे महंगी पड़ेगी। जिस इंस्पेक्टर की सुरेश कुमार सैनी ने आरटीआई में जानकारी मांगी थी, उसी को संबंधित थाने में लगा दिया और यहीं से उसने सुरेश कुमार सैनी की ‘क्लास लगानीÓ शुरू कर दी। आरोप है कि कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करवा कर जांच को रफा दफा करके दबा दिया गया। इसके बाद इस परिवार पर पुलिस का कहर टूटना शुरू हो गया। रात को 11 बजे पुलिस की दस गाडिय़ों में कथित तौर पर पुलिस उसके घर पहुंची और सुरेश कुमार सैनी को पुलिस थाने में लाकर उसकी डीएसपी और इंस्पेक्टर द्वारा जमकर पिटाई की गई। पुलिस थाने में उसका मुंह पानी में डुबोकर उसे बुरी तरह से टार्चर किया गया। कानों पर थप्पड़ मुक्के मारने से सुरेश कुमार सैनी को सुनना बंद हो गया। अब वह गरीबी के कारण उपचार नहीं करवा सकता। सुरेश कुमार सैनी का कहना है कि वह कांग्रेस पार्टी का कार्यकत्र्ता है। उसे नहीं मालूम था कि मुख्यमंत्री को कानून-व्यवस्था की सही जानकारी देने पर उसे इतनी बड़ी सजा मिलेगी।
सुरेश कुमार सैनी का आरोप है कि उसे व उसकी लड़कियों पर गांजा, चरस, अफीम व आम्र्स एक्ट के झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकियां मिल रहीं हैं। इन धमकियों को देने में पुलिस का एक मुखबिर भी शामिल है जो अकसर पुलिस थाने में ही बैठा रहता है। अब मानव अधिकार आयोग ने 6 मार्च को हरियाणा के पुलिस महानिदेशक को आदेश जारी किए कि सुरेश कुमार परिवार पर दर्ज मामले की जांच किसी दूसरे जिले के अधिकारी से करवाई जाए। मानव अधिकार आयोग के आदेश के बाद बुधवार को डीएसपी कैथल ने यमुनानगर आकर मामले की जांच की है। सुरेश कुमार सैनी का परिवार इतना दहशत में है कि उसे अपने बयान दर्ज करवाने के लिए जब पुलिस थाने में बुलाया गया तो उसे कहा कि पुलिस की जगह छोड़कर किसी भी सार्वजनिक जगह पर बयान देने को तैयार हूं। इसके बाद डीएसपी कैथल ने उसके यहां जाकर ही बयान दर्ज किए हैं। मानव अधिकार आयोग ने 28 मार्च को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।
उधर, डीएसपी फूल कुमार ने बताया कि सुरेश सैनी ने अमन चैन खराब होने व अपराध की घटनाओं में वृद्धि की शिकायत दी थी। जिस पर जब उसे बातचीत के लिए बुलाया गया तो उसने कहा कि मैंने तो समाचार पत्रों की कटिंग को देखकर यह शिकायत की है। इसके बाद इस शिकायत की जांच कर रिपोर्ट दे दी गई थी। बाद में सुरेश ने फोन कर शिकायत देकर पुलिस को बुलाया। पुलिस कर्मचारी जब उसके घर गये तो घर के लोग पुलिस कर्मियों पर टूट पड़े। उक्त लोगों ने न केवल पुलिस कर्मचारी की वर्दी फाड़ दी बल्कि मारपीट भी की और सरकारी काम में बाधा पहुंचाई। यही मामला उक्त परिवार के खिलाफ दर्ज किया गया है जिसकी सुरेश व उसके परिजनों ने अदालत से जमानत करवा ली थी। अब यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता अकसर शराब पीकर मोहल्ले में शांति भंग करता है और इसकी कई बार शिकायतें भी पुलिस को मिली हैं।
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रविवार, 17 मार्च 2013

कभी भी हो सकते हैं लोकसभा के मध्यावधि चुनाव : रामबिलास



यमुनानगर के कैनाल रेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रामबिलास शर्मा। -हप्र
यमुनानगर, 16 मार्च (हप्र)। लोकसभा के मध्यावधि चुनाव कभी भी हो सकते हैं, जिसके लिए राज्य में भाजपा-हजकां गठबंधन पूरी तरह तैयार है। यह कहना है प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रामबिलास शर्मा का, जो कैनाल रेस्ट हाऊस यमुनानगर में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा-हजकां का गठबंधन अटूट है और इसके टूटने संबंधी झूठी अफवाहें विपक्षी दलों द्वारा फैलाई जा रही हैं। विपक्षी दल गठबंधन की बढ़ती लोकप्रियता से घबराकर ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं। यूपीए सरकार को इटली इंडिया कंपनी की संज्ञा देते हुए श्री शर्मा ने कहा कि देश में जो भी घोटाले हो रहे हैं सभी के संबंध इटली के साथ हैं। अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी इटली के राजदूत को भारत छोडऩे पर रोक लगा दी है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ साथ इटली भी भारत का दुश्मन है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा बार-बार भारत का अपमान किया जा रहा है लेकिन यूपीए सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। कभी पाकिस्तान सरकार द्वारा भारतीय शहीदों के सिर काट दिये जाते हैं और कभी सैनिकों की टुकड़ी पर हमला कर दिया जाता है। वर्तमान सरकार इसका मुंह तोड़ जवाब देने की बजाय पाकिस्तान प्रधानमंत्री का भोज कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की यह कार्रवाई शहीदों का अपमान है।
एक प्रश्र के उत्तर में श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश कार्यकारिणी में सभी वर्गों को पूरा सम्मान दिया गया है और महिलाओं को तो तीस प्रतिशत हिस्सेदारी दी गई है। उन्होंने कहा कि कार्यकारिणी गठन के समय इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि पार्टी को समर्पित कार्यकर्ताओं को जरूर स्थान दिया जाये।
उन्होंने आरोप लगाया कि अपराधियों को सत्ता में शामिल लोगों का संरक्षक शामिल है। यही कारण है कि अपराधी वारदात को अंजाम देकर आसानी से चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा के मुख्यमंत्री नहीं बल्कि रोहतक व झज्जर के ही मुख्यमंत्री हैं। यही कारण है कि राज्य के अन्य जिलों में विकास के नाम पर एक ईंट भी नहीं लगाई गई है।
इस अवसर पर प्रदेश महासचिव एवं पूर्व विधायक कंवरपाल, प्रांतीय उपाध्यक्ष उमा शर्मा, जिलाध्यक्ष श्याम सिंह राणा, रोजी मलिक, घनश्याम दास, राकेश त्यागी, रामेश्वर चौहान, अर्जुन पंडित, कर्णदेव कांबोज, मदन चौहान, राजेश सपरा, पवन बिट्टू, विनोद मरवाह, भूपिंद्र चौहान, संगीता सिंगल मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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शुक्रवार, 15 मार्च 2013

यमुना नदी जल का मुद्दा,


Posted On March - 13 - 2013

यमुना नदी जल का मुद्दा

यमुनानगर/ छछरौली,13 मार्च (हप्र/निस)। हरियाणा के यमुनानगर में यमुना नदी पर जलाशय बनाए जाने से नदी में बारहों महीने अच्छी मात्रा में पानी बह सकता है। यमुना जल पर आधारित प्रस्तावित बांधों किशाऊ तथा रेणुका डैम बनने से न केवल लगातार गिरते जल स्तर में सुधार आएगा, बल्कि सस्ती बिजली भी प्राप्त होगी। केंद्र की मंजूरी के बावजूद उपरोक्त बांध परियोजनाओं का निर्माण कार्य ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। यमुना बचाओ आन्दोलनकारियों की मांग है कि हथनीकुंड बैराज से 10 हजार क्यूसिक पानी यमुना में छोड़ा जाए, जबकि पांच राज्यों में जल वितरण के उपरांत नदी में पानी शेष बचता ही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार कामन पूल से न्यूनतम 160 क्यूसिक पानी नदी में छोड़ा जाता है। 1995 में पांच राज्यों हिमाचल, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश व हरियाणा के बीच यमुना जल पर समझौता हो जाने के बाद एक बार फिर नदी जल का मुद्दा गर्मा गया है। एक ओर जहां बृजवासी यमुना नदी में रेगुलर पानी छोड़े जाने की मांग को लेकर आन्दोलन कर रहे हैं, वहीं पानी की कमी को लेकर नदी जल के साझेदार राज्य एक दूसरे पर कम पानी देने के आरोप लगाते रहे हैं। यमुना में लगातार पानी की उपलब्धता घट रही है। बरसों से लटकी पड़ी यमुना जल पर आधारित बिजली परियोजनाएं ठंडे बस्ते में चली जाने से पावर लास तो है ही, दूसरी तरफ यमुनानदी पर कोई डैम नहीं बनाए जाने के कारण नदी की धारा भी अब दम तोडऩे लगी है। मानसून सीजन को छोड़ शेष दिनों यमुना नदी का जल बहाव सिमट कर 5 हजार क्यूसिक से भी नीचे पहुंच जाता है। लगातार घटता जल बहाव चिंता का विषय बन गया है।
यमुना पर बने जलाशय पहाडिय़ों पर अच्छी बरसात से जल बहाव अचानक बढ़ जाता है। नदी पर कोई जलाशय नहीं होने के कारण बरसाती पानी बेकार चला जाता है। जलाशय बनने से काफी हद तक पानी को रोका जा सकेगा, जिससे नदी में निश्चित मात्रा में पानी बहेगा। रेगुलर पानी मिलने से सरपल्स पानी को नदी में छोड़ा जा सकेगा।
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मंगलवार, 12 मार्च 2013

हथनीकुंड बैराज पर तीन हिस्सों में बंटता है यमुना का जल


सुरेंद्र मेहता/हमारे प्रतिनिधि
यमुनानगर में यमुना नदी में पड़े डिस्पोजल, बोतलें और कचरा। -सुरेंद्र मेहता
यमुनानगर, 11 मार्र्च। यमुना शुद्धिकरण योजना के तहत करोड़ों रुपये खर्च किये जाने के बावजूद आज भी यमुना का दूषित करने का क्रम जारी है। यमुना को दूषित होने से बचाने के लिए जहां वृंदावन से दिल्ली तक अभियान चलाकर संतों ने आवाज उठाई है वहीं हरियाणा विधानसभा के कई विधायक भी यमुना को प्रदूषित करने के कारणों का पता लगाकर विधानसभा अध्यक्ष को अवगत भी करवा चुके हैं। इस सबके बावजूद आज भी एक दर्जन से ज्यादा ऐसे स्थान हैं, जहां से फैक्ट्रियों का जहरीला पानी एवं शहर का गंदा पानी सीधे यमुना में डाला जा रहा है।
कालिंदी पर्वतमालाओं से निकल कर प्रयाग तक के तेरह सौ सत्तर किमी लंबे सफर पर निकली यमुना नदी अब अपना जीवन बचाने के लिए संघर्षरत है, क्योंकि इसकी जलधारा को जहां हथनीकुंड बैराज ने संकुचित करके रख दिया है, वहीं इसके निर्मल जल को फैक्ट्रियों से निकलने वाले गंदे पानी ने दूषित कर दिया है। विकास के उन्माद में धरती के सबसे बुद्धिमान प्राणी मानव ने ही इसके प्रवाह पर ग्रहण लगा दिया है, जिससे यमुना किनारे बसे करोड़ों-करोड़ों जन मानस की आस्था पर कुठाराघात होने लगा है।
अंग्रेजी हकूमत ने पहाड़ी क्षेत्रों के जल पर अंकुश लगाने के लिए वर्ष 1873 में यमुना नदी पर ताजेवाला हैड बनाया गया था। इस दौरान बारिश के दिनों को छोड़कर वर्ष के शेष दिनों में यमुना की जलधारा अपने पूरे अस्तित्व के साथ प्रयाग तक बहती रहती थी। लेकिन समय बदला और वर्ष 1995 में ताजेवाला हैड की जर्जर हालत को देखते हुए इसे कंडम घोषित कर दिया गया। जिसके बाद हिमाचल, यूपी, दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा ने यमुना नदी के जल पर अपना-अपना हक जताना शुरू कर दिया। इन राज्यों की हजारों हेक्टेयर भूमि को सिंचित करने के लिए वर्ष 1996 में यमुना जल के बंटवारे को लेकर हथनीकुंड बैराज का निर्माण करने पर समझौता हुआ। यही वजह है कि इस फैसले के होने के बाद के दिन से ही यमुना के अस्तित्व पर संकट मंडरा गया।
शहर का सीवरेज और कूड़ा सीधे पश्चिमी यमना नहर (डब्ल्यूजेसी) में बहाया जा रहा है, यहां तक कि मरे पशुओं को भी नदी व नहर किनारे डाला जा रहा है जिससे यह नदी में तैरते आम देखे जा सकते हैं। यही पानी फिल्टर करके दिल्ली में पीने के लिए प्रयुक्त हो रहा है। वर्ष 2012 जून-जुलाई में हरियाणा विधानसभा की पब्लिक एकाउंट्स कमेटी (पीएसी) की टीम ने यमुनानगर का दौरा कर डब्ल्यूजेसी में गंदगी और सीवरेज डालने के लिए अधिकारियों को लताड़ लगाई थी। इसके बाद कुछ समय के लिए कूड़ा यमुना किनारे से उठा दिया गया, लेकिन सीवरेज का पानी ज्यों का त्यों डाला जा रहा है। शहर की औद्योगिक इकाइयों का गंदा व जहरीला पानी यमुना नहर में जाने से रोकने के लिए अदालती आदेश के बाद 13.71 करोड़ की लागत से 23 किलोमीटर लंबी डिच ड्रेन बनाई गई थी। इसमें प्रमुख औद्योगिक इकाइयों पेपर मिल (बिल्ट), स्टार्च मिल, हरियाणा डिस्टिलरी व सरस्वती शूगर मिल सहित अन्य इकाइयों का पानी डाला जाना था, लेकिन वर्ष 2009 में बनते ही डिच ड्रेन टूट गई। इसके बाद यह औद्योगिक कचरा बेरोकटोक डब्ल्यूजेसी में जाने लगा।
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शनिवार, 9 मार्च 2013

प्रदेश में खोले जायेंगे चार महिला थाने

प्रदेश में खोले जायेंगे चार महिला थाने



यमुनानगर के जिला सचिवालय में पुलिस अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते क्राइम अंगेस्ट वूमन के एडीजीपी के साल्वराज। छाया : सुरेंद्र मेहता
सुरेंद्र मेहता/
यमुनानगर, 8 मार्च। हरियाणा में महिलाओं की सुरक्षा के लिए जहां महिला हैल्पलाईन, महिला पीसीआर की व्यवस्था की गयी है, वहीं महिला कांस्टेबलों की भर्ती व चार महिला थाने खोलने की भी योजना है। यह कहना है वुमेन अगेंस्ट क्राइम के एडीजीपी के साल्वराज का। जो यमुनानगर में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि राज्य में बलात्कार की घटनाओं में कमी आई है लेकिन हम इससे संतुष्ट नहीं हैं बल्कि ऐसी घटनाओं को और कम करने को लेकर प्रयास जारी हैं। बलात्कार की घटनाओं को लेकर खासकर जहां सख्ती बरती जा रही है, वहीं गांव व कालोनियों में पुलिस कर्मचारी व अधिकारी आम जनमानस को जागरूक कर रहे हैं। इसके अलावा महिला हैल्पलाईन की व्यवस्था की गयी है और महिला पीसीआर भी गश्त करती रहती है। महिला थानों की भी शुरुआत की गयी है और जल्द ही चार नये महिला थाने गुडग़ांव, पंचकूला, फरीदाबाद एवं बहादुरगढ़ में खोले जायेंगे। उन्होंने बताया कि इस समय राज्य में महिला पुलिस साढ़े 6 प्रतिशत है जिसे दस प्रतिशत करने के प्रयास जारी हैं। महिला कांस्टेबलों की भर्ती को लेकर अनुमति मिल गयी है और जल्द ही यह भर्ती की जायेगी। उन्होंने बताया कि बलात्कार के मामलों की जांच ज्यादा से ज्यादा 30 दिन और हत्या के मामलों की जांच 15 दिन के बीच पूरी करने के निर्देश दिये गये हैं। ताकि जल्द से जल्द पीडि़त को न्याय मिल सके।
इससे पूर्व लघु सचिवालय में पुलिस अधिकारियों की बैठक में पुलिस अधिकारियों को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं के मामले में पुलिस अधिकारी ढील न बरतें, नहीं तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। श्री साल्वराज ने बताया कि उन्होंने 15 अक्तूबर को कार्य संभाला है। महिलाओं के साथ बढ़ रहे अपराध को देखते हुए वुमेन अंगेस्ट क्राइम विभाग बनाया गया है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए कानूनों के बारे में वह प्रदेश के सभी जिलों में दौरा कर पुलिस फोर्स को जानकारी दे रहे हैं।
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शुक्रवार, 8 मार्च 2013

महिला दिवस विशेष


छोटे शहर-गांव की लड़कियों के बड़े कारनामे

Posted On March - 7 - 2013
सुरेंद्र मेहत
कर्णम मल्लेश्वरी
यमुनानगर, 7 मार्च। यमुनानगर की बच्चियों से लेकर विवाहिताओं द्वारा अपने हुनर एवं आत्मविश्वास के चलते देश ही नहीं अंतर्राष्टï्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त करने का काम किया है। इसमें चाहे कर्णम मल्लेश्वरी हों जिसने ओलंपिक में भारतीय परचम लहराया था, वहीं शैना अग्रवाल ने आईएएस परीक्षा में देश भर में प्रथम स्थान हासिल किया। इनका कहना है कि यमुनानगर जैसे छोटे शहर में अगर और सुविधाएं मुहैया करवाई जाए तो निश्चित तौर पर यहां की लड़कियां शिक्षा, खेलों के अलावा सामाजिक गतिविधियों में भी अंतर्राष्टï्रीय स्तर पर उल्लेखनीय स्थान हासिल कर सकती हैं।
यमुनानगर के कांसापुर जैसे ग्रामीण इलाके में रहने वाली मोनिका शर्मा आज किसी  परिचय की मोहताज नहीं है। हाथ-पैर खराब होने के बावजूद वह मुंह से लिखकर स्नातक तक की परीक्षा पास कर चुकी है। मोनिका शर्मा जब 8 वर्ष की थी तब उसके दोनों हाथ व पांव किसी बीमारी के चलते काम करना छोड़ गए थे। मोनिका ने इससे हार नहीं मानी और इसे चुनौती मानते हुए इसका सामना किया। स्कूली पढ़ाई हो या कालेज की बोर्ड व विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में मोनिका ने सदा ही अव्वल नंबर पर बाजी मारी है। मुंह में कलम  दबाकर शानदार लिखाई लिखते हुए बिना किसी सहायक के ग्रेजुएशन करने वाली मोनिका इन दिनों पोस्ट ग्रेजुएशन की तैयारी में जुटी है। मोनिका जैसी लड़कियां दूसरों के लिए भी प्रेरणा है।
शायना अग्रवाल
यमुनानगर की पुत्रवधु कर्णम मल्लेश्वरी ने तो ओलंपिक में कांस्य पदक हासिल कर शहर का नाम पूरे अंतर्राष्टï्रीय स्तर पर रोशन किया है। उन्होंने वर्ष 2000 में आयोजित सिडनी ओलंपिक में उस समय देश का परचम लहराया जब कोई पुरुष खिलाड़ी भी देश के लिए कोई मेडल न ला सका था। मलेश्वरी की इस उपलब्धि से जहां भारत पदक तालिका की सूची से बाहर होने से बच गया वहीं जिले के साथ-साथ प्रदेश व देश के लिए भी यह गौरव की बात थी कि उनकी एक महिला खिलाड़ी ने ओलंपिक में भारत की लाज रख ली। मलेश्वरी ने यह पदक उन परिस्थितियों में जीता जब इस प्रतियोगिता से पहले उसे कोई विशेष सुविधा प्रदान नही की गई थी। उन्होंने अपने घर का फर्श तोड़कर वहां जी तोड़ अभ्यास किया, जिसका परिणाम कांस्य पदक के रूप में भारत को मिला।
कर्णम मल्लेश्वरी की तरह ही यमुनानगर के गांव फतेहपुर की लड़कियां आजकल कुश्ती में अपने जौहर दिखा रही हैं। इस गांव की साया व सिमरण ने तो राष्टï्रीय स्तर की स्कूल प्रतियोगिता में स्वर्ण एवं रजत पदक हासिल किया बल्कि अब उनका लक्ष्य ओलंपिक में भारतीय पताका लहराना है। इस गांव की 4 अन्य लड़कियां भी कुश्ती में ही राज्य स्तर पर कई पदक जीत चुकी हैं।
यमुनानगर की पुत्रवधु समीरा जोकि दो वर्षों तक बतौर एयर होस्टेस एयर इंडिया के साथ जुड़ी रही और शादी के बाद अधिवक्ता के रूप में भी कुछ समय तक कार्य किया। इस दौरान वे जिला बार एसोसिएशन की सचिव भी बनी। बाद में उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग कंपनी में बतौर कार्यकारी निदेशक कार्य संभाला। समीरा आज ओरियंटल इंजीनियरिंग का कार्य देख रही है। इसके अतिरिक्त समाज सेवा भी में भी समीरा का जवाब नही। न जाने कितनी सामाजिक संस्थाओं से जुड़कर वे समाज की सेवा कर रही है। उनका कहना है कि यह सब परिवार के सहयोग से ही संभव हो सकता है जो उन्हें अपने पिता के यहां भी मिला और अपने पति के यहां भी।
मीतू सलूजा
आईएएस की परीक्षाओं में देश भर प्रथम स्थान हासिल कर जिले व प्रदेश का नाम रोशन करने वाली शैना अग्रवाल भी यमुनानगर की ही रहने वाली है। इससे पूर्व भी शैना ने मेडिकल के क्षेत्र में शानदार उपलब्धि हासिल करते हुए जहां एम.बी.बी.एस की परीक्षाओं में भी प्रथम स्थान हासिल किया था वहीं पी.एम.टी. की परीक्षाओं में भी देश में प्रथम स्थान हासिल कर के जिले का गौरव बढ़ाया था। शैना जैसी बेटी पर किसे नाज नहीं होगा आज पूरा शहर ही नहीं बल्कि पूरा देश की इस उपलब्धि पर उसे सलाम करता है। शैना का कहना है कि वह जहां भी नियुक्त होगी अपने काम को ईमानदारी व निष्ठा के साथ अंजाम तक पहुंचाएगी।
इसके अलावा महिला फैशन डिजाइनर मीतू सलूजा भी आज अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर रही हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पत्र-पत्रिकाओं में उनके लेख और डिजाइन प्रकाशित होते रहते है। अपने प्रोफेशन के अलावा मीतू विभिन्न समाज सेवी संस्थाओं से जुड़ी हुई हैं। आज कल वह खादी के साथ मिलकर विशेष अभियान चलाए हुए है। उनका कहना है कि महिला दिवस पर महिलाओं को हर क्षेत्र में जागरूक करने का संकल्प लिया जाना चाहिए।
सड़क के किनारे झोपड़ी में रहकर विभिन्न देवी देवताओं की प्रतिमाएं बनाने में कल्पना व छाया भी किसी से पीछे नहीं है। धूप हो या बरसात यह महिलाएं अपने बच्चों का लालन-पालन करने के लिए कार्य करती रहती हैं।
मोनिका श

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सोमवार, 2 अप्रैल 2012

गुरू नानक खालसा कालेज ने कब्‍जाया तीसरा स्‍थान

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फर्स्‍ट एड ट्रेनिंग का बैच होगा शुरू

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ठेकों के सामने विरोध प्रदर्शन

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न्‍यायिक हिरासत में भेजा

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पशु तस्‍कर गिरफ्तार

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एक्‍सीडेंट

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मंदिर श्री लाल द्वारा में नौंवी नगर शोभायात्रा

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