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| सूर्य और पृथ्वी की स्तिथि को दर्शाता चित्र |
इस खगोलीय घटना को ग्रीष्मकालीन अयनांत (समर साल्स्टिस) कहते हैं.साल्स्टिस लैटिन भाषा का शब्द है जिसको दो भागो मे बाँट कर देखा जाए तो सोल जिसका अर्थ है सूर्य और दुसरा भाग सिस्टटेरे जिस का अर्थ है जस का तस खड़ा होता है अर्थात यह वो दिन है जब धरती का उत्तरी गोलार्ध सूर्य की और सब से अधिक झुका होता है.ग्रीष्मकालीन अयनांत तब होता है जब पृथ्वी की धुरिय झुकाव सबसे अधिक २३ डिग्री २६ मिनट उत्तर की अपनी अधिकतम सीमा पर हो.
इंगलैंड के स्टोनहेंज नामक स्थान पर सदियों पूर्व विशाल पत्थर खड़े किये गएँ थे उन्हें इस तरह खड़ा किया गया है कि उनसे वर्ष के सबसे लंबे दिन (उत्तर अयनांत) और सबसे छोटे दिन (दक्षिण अयनांत) को होने वाले सूर्योदय और सूर्यास्त का पता लग सके. विश्व के कुछ प्राचीन स्मारकों का निर्माण इस तरह किया गया है कि उनमें विषुव या अयनांत के दिन सूर्य की किरणें भीतर किसी विशेष स्थान पर पहुंच जाएं.
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(चित्र गूगल से लिया गया है साभार)
अमर उजाला अखबार का बहुत धन्यवाद इस जानकारी को कुछ और लोगो तक पहुँचाने के लिए


