२१ जून का दिन है साल का सब से लंबा दिन Enjoy Summer Solstice on 21 jun 2011
(चित्र गूगल से लिया गया है साभार)
अमर उजाला अखबार का बहुत धन्यवाद इस जानकारी को कुछ और लोगो तक पहुँचाने के लिए
यदि ऐसा हो कि आप शाम होने का इंतजार करते रहें लेकिन सूरज ढलने का नाम नहीं ले. आप बार बार घड़ी देखें और कोई फायदा ना हो क्योंकि २१ जून का दिन है साल का सब से लंबा दिन,जो साल में बस एक बार ही आता है.मंगलवार यानी २१ जून का दिन साल का ऐसा दिन होता है जिस दिन पृथ्वी की धुरी सूर्य की ओर झुक जाती है जिससे उत्तरी गोलार्ध में दिन लंबा और दक्षिणी गोलार्ध में रात सबसे लंबी हो जाती है। इस कारण से मंगलवार को सूर्योदय प्रातः५ बज कर २४ मिनट पर सूर्यास्त शाम ७ बज कर २२ मिनट पर होगा.यह दिन पूरे १४ घंटे का होगा और रात उसी अनुपात मे छोटी यानी कि १० घंटे की.
चित्र पर क्लिक कर के बड़ा कर कर देख सकते हैं.
इस खगोलीय घटना को ग्रीष्मकालीन अयनांत (समर साल्स्टिस) कहते हैं.साल्स्टिस लैटिन भाषा का शब्द है जिसको दो भागो मे बाँट कर देखा जाए तो सोल जिसका अर्थ है सूर्य और दुसरा भाग सिस्टटेरे जिस का अर्थ है जस का तस खड़ा होता है अर्थात यह वो दिन है जब धरती का उत्तरी गोलार्ध सूर्य की और सब से अधिक झुका होता है.ग्रीष्मकालीन अयनांत तब होता है जब पृथ्वी की धुरिय झुकाव सबसे अधिक २३ डिग्री २६ मिनट उत्तर की अपनी अधिकतम सीमा पर हो.
सूर्य और पृथ्वी की स्तिथि को दर्शाता चित्र |
इस खगोलीय घटना को ग्रीष्मकालीन अयनांत (समर साल्स्टिस) कहते हैं.साल्स्टिस लैटिन भाषा का शब्द है जिसको दो भागो मे बाँट कर देखा जाए तो सोल जिसका अर्थ है सूर्य और दुसरा भाग सिस्टटेरे जिस का अर्थ है जस का तस खड़ा होता है अर्थात यह वो दिन है जब धरती का उत्तरी गोलार्ध सूर्य की और सब से अधिक झुका होता है.ग्रीष्मकालीन अयनांत तब होता है जब पृथ्वी की धुरिय झुकाव सबसे अधिक २३ डिग्री २६ मिनट उत्तर की अपनी अधिकतम सीमा पर हो.
यदि हमें जानकारी हो तो हम इस दिन को आनन्दित महसूस कर सकते हैं इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए आज यह बताया जा रहा है कि हम २१ जून को सबसे लंबे दिन का आनंद उठा सकें.उडीसा के कोणार्क सूर्य मंदिर मे सूर्य की मूर्ति इस प्रकार स्थापित की गयी थी इन अवसरों सूर्य की किरणे सीधे मूर्ति को अवलोकित करें.
इंगलैंड के स्टोनहेंज नामक स्थान पर सदियों पूर्व विशाल पत्थर खड़े किये गएँ थे उन्हें इस तरह खड़ा किया गया है कि उनसे वर्ष के सबसे लंबे दिन (उत्तर अयनांत) और सबसे छोटे दिन (दक्षिण अयनांत) को होने वाले सूर्योदय और सूर्यास्त का पता लग सके. विश्व के कुछ प्राचीन स्मारकों का निर्माण इस तरह किया गया है कि उनमें विषुव या अयनांत के दिन सूर्य की किरणें भीतर किसी विशेष स्थान पर पहुंच जाएं.
ये चलचित्र देखें जरा ..
दर्शन लाल बवेजा विज्ञान अध्यापक हरियाणाइंगलैंड के स्टोनहेंज नामक स्थान पर सदियों पूर्व विशाल पत्थर खड़े किये गएँ थे उन्हें इस तरह खड़ा किया गया है कि उनसे वर्ष के सबसे लंबे दिन (उत्तर अयनांत) और सबसे छोटे दिन (दक्षिण अयनांत) को होने वाले सूर्योदय और सूर्यास्त का पता लग सके. विश्व के कुछ प्राचीन स्मारकों का निर्माण इस तरह किया गया है कि उनमें विषुव या अयनांत के दिन सूर्य की किरणें भीतर किसी विशेष स्थान पर पहुंच जाएं.
ये चलचित्र देखें जरा ..
(चित्र गूगल से लिया गया है साभार)
अमर उजाला अखबार का बहुत धन्यवाद इस जानकारी को कुछ और लोगो तक पहुँचाने के लिए
बहुत अच्छी जानकारी। चलिये इसी बहाने कुछ अधिक ब्लागज़ पढे जायेंगे। अब इतने बडे दिन मे और क्या करें। शुभकामनायें।
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी धन्यवाद।
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