यमुनानगर। डीएवी कन्या महाविद्यालय में मंगलवार को महिला सशक्तिकरण दिवस मनाया गया। आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन तथा संस्कृति कैबिनेट मंत्री कुमारी सैलजा मुख्य अतिथि रहीं। समाजसेवा, एनसीसी, एनएसएस, रक्तदान, चिकित्सा व अन्य क्षेत्र में सहयोग देने वाली ४० से ज्यादा लड़कियों व महिलाओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन युवा कांगे्रस की ओर से किया गया था।
सैलजा ने सभागार में उपस्थित सभी लोगों को बेटी बचाओ की शपथ दिलवाई। उन्होंने कहा कि यूथ कांगे्रस ने भ्रूण हत्या के खिलाफ जो मुहिम छेड़ी है, वह सराहनीय है। जब तक सामाजिक सुधार नहीं होगा, तब तक भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक बुराइयों से निपटा नहीं जा सकता। आज की महिला हर क्षेत्र में पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलकर काम कर रही है। महिला सशक्तिकरण का यह सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि हरियाणा ने हर क्षेत्र में तरक्की की है, लेकिन लिंगानुपात के मामले में हमारा सिर शर्म से झुक जाता है। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि वे बेटी की परवरिश में कोई कोर कसर बाकी न छोडें। स्वर्गीय इंदिरा गांधी जी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वे वल्र्ड लीडर थी, न कि केवल प्रधानमंत्री। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में यूथ कांग्रेस को नई दिशा मिली है। युवाओं की सामाजिक कार्यों में सांझेदारी बढ़ी है।
साढौरा विधायक राजपाल सिंह ने कहा कि भ्रूण हत्या जैसी बुराई को जड़ से खतम करने के लिए हमें आगे आना चाहिए। महिलाओं का समाज में अगल स्थान है। उन्होंने कहा कि आज बेटियां डाक्टर, इंजीनियर बन कर अपने माता पिता का नाम रोशन कर रही है, जो कि अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धी है।
कालेज प्रिंसिपल डा. सुषमा आर्य ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की ज्वलंत उदाहरण कुमारी सैलजा से बड़ा कोई नहीं है। उन्होंने २८ वर्ष की आयु में राजनैतिक सफर शुरू किया और बुलंदिया को छूआ है। संस्कृति व संगीत ने मैडम की खास रूचि रही है।
कालेज प्रिंसिपल डा. सुषमा आर्य ने कहा कि महिला सशक्तिकरण की ज्वलंत उदाहरण कुमारी सैलजा से बड़ा कोई नहीं है। उन्होंने २८ वर्ष की आयु में राजनैतिक सफर शुरू किया और बुलंदिया को छूआ है। संस्कृति व संगीत ने मैडम की खास रूचि रही है।
एडीसी दिनेश यादव ने कहा कि जिस घर में बेटी नहीं वो रेगिस्तान के समान है। बेटी को प्यार मिलना शुरू होगा तो उसका दमन बंद हो जाएगा। रेडक्रास सचिव श्याम सुंदर ने कहा कि बेटी के जन्म पर घर में थाली बजनी चाहिए। वे अभी तक १० हजार से ज्यादा दंपत्ति को बेटी बचाओ के लिए आठवां फेर दिलवा चुके हैं। उनका यह प्रयास निरंतर जारी है। डा. मानसी अबहोरी ने कहा कि बड़ी विडं़बना है कि आज हमें अपने ही बारे में बात करनी पड़ रही है। शत प्रतिशत विकलांग मोनिका से बड़ा नारी शक्ति का यहां पर कोई उदाहरण नहीं है। जिसने स्वयं के बल बुत्ते पर ग्रेजुएशन की है। शिक्षा के क्षेत्र में डा. सुषमा आर्य ने अतुल्यनीय सहयोग दिया है। अंबाला लोकसभा यूथ कांगे्र्रस अध्यक्ष हिम्मत सिंह ने कहा कि जब तक बेटियों के प्रति लोगों की सोच में बदलाव नहीं होगा, तब तक लिंगानुपात में सुधार नहीं हो सकता। कन्या भू्रण हत्या को पूरी तरह से रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाएं भी नंबरदार होनी चाहिए। इसके लिए उन्हें ५० प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए। इसके अलावा बेटियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। यूथ कांग्रेस महासचिव भूपेंद्र बेनीवाल ने कहा कि महिला सशक्तिकरण का अभियान लोकसभा स्तर पर चलाया गया है। उन्होंने कहा कि महिला सरपंच होने के बावजुद पुरुष द्वारा उसके काम किए जाते हैं। जो कि गलत है। गगन खरोट ने कहा कि आज बेटियां कला, साहित्य, खेलकूद, सांस्कृति, शिक्षा के अलावा अन्य क्षेत्रों में अग्रणीय है। बावजुद इसके नारी का विकास धीमा है। बेटियां गर्भ में भ्रूण हत्या की शिकार हो रही हैं। लोगों को जागृत करने की आवश्यकता है। ताकि प्रदेश के लिंगानुपात में सुधार हो सकें। मौके पर प्रताप सिंह, इंतजार हुसैन, मनिंदर पाल, संजीव राणा, राजकिरण, संदीप वशिष्ठ, कौशल्या जांगड़ा उपस्थित रहीं।
सांस्कृतिक कार्यक्रम कर बांधा समां- कार्यक्रम के दौरान बेबी मान्य ने कन्या भ्रूण हत्या पर अपनी मार्मिक प्रस्तुति दी। जिसकी सभी ने सराहना की। मान्या द्वारा दी गई प्रस्तुति ने सभागार में बैठे लोगों को अंदर से झकझोर दिया। तनुश्री ने जय-जय दुर्गे मां गीत प्रस्तुत किया। वहीं पुनर्वास केंद्र के बच्चों ने भ्रूण हत्या पर हरियाणवी गीत प्रस्तुत किया। जिसकी सभी ने सराहना की। आदित्य कपिल ने देश भक्ति का गीता प्रस्तुत किया। जिसकी सभी ने तारीफ की। तान्या सिंगला ने अजन्मी बच्ची पर कविता प्रस्तुत की।
हर मुश्किल चूमती है इनके कदम- दिल में कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो मुश्किलें भी कदम चूमती है। इसी का जीता जागता उदाहरण है कि रामनगर निवासी २४ वर्षीया मोनिका शर्मा। जो कि शत प्रतिशत विकलांग है, बावजुद इसके वह मुंह में पेन पकडक़र लेपटॉप व मोबाइल फोन ऑपरेट कर लेती हैं। मोनिका ने बताया कि पिछले साल उसने स्तानक की परीक्षा ५५ प्रतिशत अंकों से पास की है। जबकि उसने १२वीं में ६२ प्रतिशत तथा १०वीं में ५८ प्रतिशत अंक अर्जित किए हैं। मोनिका ने कुमारी सैलजा को लिखकर भी दिखाया। जिसके उपरांत सैलजा ने उन्हें अपनी शुभकामनाएं दी।
हर मुश्किल चूमती है इनके कदम- दिल में कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो मुश्किलें भी कदम चूमती है। इसी का जीता जागता उदाहरण है कि रामनगर निवासी २४ वर्षीया मोनिका शर्मा। जो कि शत प्रतिशत विकलांग है, बावजुद इसके वह मुंह में पेन पकडक़र लेपटॉप व मोबाइल फोन ऑपरेट कर लेती हैं। मोनिका ने बताया कि पिछले साल उसने स्तानक की परीक्षा ५५ प्रतिशत अंकों से पास की है। जबकि उसने १२वीं में ६२ प्रतिशत तथा १०वीं में ५८ प्रतिशत अंक अर्जित किए हैं। मोनिका ने कुमारी सैलजा को लिखकर भी दिखाया। जिसके उपरांत सैलजा ने उन्हें अपनी शुभकामनाएं दी।
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