रविवार, 2 अक्तूबर 2011

हरियाणवी दर्शकों को प्रशिक्षित करने की जरुरत: सतीश कौशिक


यमुनानगर। मशहूर निर्माता निर्देशक एवं अभिनेता सतीश कौशिक का कहना है कि हरियाणा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह जैसे आयोजन राज्य में सिनेमा की संस्कृति को बढ़ावा देने में मददगार साबित होंगे। इसके लिए समारोह के आयोजक डीएवी कालेज फॉर गल्र्स यमुनानगर की प्रिंसिपल सुषमा आर्य और फिल्म समारोह के निदेशक अजित राय बधाई के पात्र है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में क्लासिक सिनेमा के लिए दर्शकों को ट्रेनिंग देने की जरुरत है, ताकि हरियाणा में सामाजिक मुद्दों पर आधारित फिल्में बनाने का माहौल तैयार हो सके। उन्होंने कहा कि वे खुद हरियाणावी संस्कृति और समाज पर आधारित फिल्में बनाने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं। कौशिक ने कहा कि उन्हें हरियाणा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह से जुडक़र गर्व महसूस हो रहा है और वे आगे भी जुड़े रहेंगे। 
सतीश कौशिक ने कहा कि हरियाणा की शिक्षा व्यवस्था पर आधारित फिल्म मेरा नाम मेरा धाम की स्क्रिप्ट तैयार है। जिस पर वे जल्द ही फिल्म बनाने जा रहे हैं। जिसका निर्देशन सिरसा के रहने वाले राजेश बब्बर करेंगे। सतीश ने कहा कि हरियाणा में फिल्म संस्कृति विकसित करने की दिशा में हरियाणा फिल्म विकास निगम महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और उन्होंने इसकी स्थापना के लिए मुख्यमंत्री  भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सुझाव दिया है।
सतीश कौशिक ने कहा कि हरियाणा में बजट थियेटरों की स्थापना होनी चाहिए। जिससे दर्शकों को वाजिब कीमत पर फिल्में देखने को मिल सकें, तभी हरियाणा जैसे राज्य में फिल्म संस्कृति का विकास हो पाएगा। उन्होंने कहा कि टेलीविजन ने राष्ट्रीय स्तर पर हरियाणवी भाषा और संस्कृति को स्वीकार कर लिया है। इसका ही असर है कि ना आना इस देश लाडो जैसे दो तीन सीरियल बड़े चैनलों पर दिखाए जा रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि हरियाणवी सिनेमा में भी ऐसे प्रयास सार्थक एवं सफल हो सकते हैं।

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