स्कूल में प्रार्थना से पहले मलेरिया से ‘बचाव’ सीखेंगे नौनिहाल
Posted On June - 12 - 2013
सुरेंद्र मेहता/हमारे प्रतिनिधि
यमुनानगर, 12 जून। प्रदेश में मलेरिया को नियंत्रित रखने में अब शिक्षा विभाग की भूमिका भी अहम रहेगी। स्कूलों में नौनिहाल ईश्वर का नाम लेने से पहले मलेरिया से बचाव के उपाय सीखेंगे। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला शिक्षा अधिकारियों व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर इस दिशा में जानकारी दे दी है। इसके अलावा पंचायती राज संस्थाओं से जुड़े प्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाएगा।
मलेरिया का सीजन आने वाला है जिसका खौफ न केवल यमुनानगर बल्कि पूरे प्रदेश में खूब देखा जाता है। स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए जहां स्वास्थ्य विभाग बचाव अभियान चलाए जाते हैं वहीं आम जनमानस को जागरूक करने के लिए भी प्रयास किए जाते हैं। हर वर्ष लोगों को अलग-अलग माध्यमों से जागरूक करने के लिए काफी दौड़ धूप की जाती है, लेकिन इस बार स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिक्षा विभाग को भी बचाव अभियान का हिस्सा बनाया है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर बच्चों को मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया व जापानी बुखार के प्रति जागरूक करने को कहा, ताकि बच्चे घर पर जाकर अभिभावकों को जागरूक करें और खुद भी बीमारियों से बच सकें। विभागीय जानकारी के मुताबिक विद्यार्थियों को सुबह के समय प्रार्थना से पहले संबंधित बीमारियों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। इस दौरान बच्चों को बीमारियों के कारण, बचाव व लक्षणों पर प्रकाश डाला जाएगा। हाल ही में हुई स्वास्थ्य विभाग की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
चिकित्सा अधिकारियों का मानना है कि ऐसी बीमारियों की रोकथाम के लिए जागरूकता निहायत आवश्यक है। यदि स्कूली बच्चों को इस प्रकार की बीमारियों के बारे में ज्ञान होगा तो वे बेहतर तरीके से अपने अभिभावकों को भी इस बारे अवगत करवा सकते हैं। इसके अतिरिक्त स्कूलों में हॉडिंग व बैनर लगाकर विभिन्न बीमारियों के प्रति जागरूक करने का काम किया जाएगा।
इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा पंचायती राज संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाएगा। पंचायती राज संस्थाओं से जुड़े प्रतिनिधि न केवल अभियान की गतिविधियों पर नजर रखेंगे बल्कि दवाइयों के छिड़काव व आवश्यक रोकथाम के लिए भी कदम उठाएंगे। पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि दवाइयों के छिड़काव की तकनीकी व समय-समय पर स्थिति का जायजा लेते रहेंगे और यदि कहीं बीमारी के फैलने की संभावना है तो इसकी सूचना विभाग को भी देंगे।
यमुनानगर के डिप्टी सी.एम.ओ. डा. विजय अतरेजा का कहना है कि मलेरिया बचाव अभियान को और भी प्रभावी बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिक्षा विभाग व पंचायती राज संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाएगा। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों व मौलिक शिक्षा अधिकारियों को इस बारे पत्र भेजकर सूचित कर दिया गया है। उम्मीद है योजना के सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
यमुनानगर की जिला शिक्षा अधिकारी जगजीत कौर का कहना है कि इस संदर्भ में सभी ब्लाक शिक्षा अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। स्कूलों में स्वच्छता बनाए रखने के साथ-साथ पानी की टंकियों को विशेष रूप से साफ रखा जाएगा। इसके अतिरिक्त बच्चों को विभिन्न बीमारियों के प्रति भी जागरूक किया जाएगा।
यमुनानगर, 12 जून। प्रदेश में मलेरिया को नियंत्रित रखने में अब शिक्षा विभाग की भूमिका भी अहम रहेगी। स्कूलों में नौनिहाल ईश्वर का नाम लेने से पहले मलेरिया से बचाव के उपाय सीखेंगे। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला शिक्षा अधिकारियों व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर इस दिशा में जानकारी दे दी है। इसके अलावा पंचायती राज संस्थाओं से जुड़े प्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाएगा।
मलेरिया का सीजन आने वाला है जिसका खौफ न केवल यमुनानगर बल्कि पूरे प्रदेश में खूब देखा जाता है। स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए जहां स्वास्थ्य विभाग बचाव अभियान चलाए जाते हैं वहीं आम जनमानस को जागरूक करने के लिए भी प्रयास किए जाते हैं। हर वर्ष लोगों को अलग-अलग माध्यमों से जागरूक करने के लिए काफी दौड़ धूप की जाती है, लेकिन इस बार स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिक्षा विभाग को भी बचाव अभियान का हिस्सा बनाया है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर बच्चों को मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया व जापानी बुखार के प्रति जागरूक करने को कहा, ताकि बच्चे घर पर जाकर अभिभावकों को जागरूक करें और खुद भी बीमारियों से बच सकें। विभागीय जानकारी के मुताबिक विद्यार्थियों को सुबह के समय प्रार्थना से पहले संबंधित बीमारियों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। इस दौरान बच्चों को बीमारियों के कारण, बचाव व लक्षणों पर प्रकाश डाला जाएगा। हाल ही में हुई स्वास्थ्य विभाग की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
चिकित्सा अधिकारियों का मानना है कि ऐसी बीमारियों की रोकथाम के लिए जागरूकता निहायत आवश्यक है। यदि स्कूली बच्चों को इस प्रकार की बीमारियों के बारे में ज्ञान होगा तो वे बेहतर तरीके से अपने अभिभावकों को भी इस बारे अवगत करवा सकते हैं। इसके अतिरिक्त स्कूलों में हॉडिंग व बैनर लगाकर विभिन्न बीमारियों के प्रति जागरूक करने का काम किया जाएगा।
इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा पंचायती राज संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाएगा। पंचायती राज संस्थाओं से जुड़े प्रतिनिधि न केवल अभियान की गतिविधियों पर नजर रखेंगे बल्कि दवाइयों के छिड़काव व आवश्यक रोकथाम के लिए भी कदम उठाएंगे। पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि दवाइयों के छिड़काव की तकनीकी व समय-समय पर स्थिति का जायजा लेते रहेंगे और यदि कहीं बीमारी के फैलने की संभावना है तो इसकी सूचना विभाग को भी देंगे।
यमुनानगर के डिप्टी सी.एम.ओ. डा. विजय अतरेजा का कहना है कि मलेरिया बचाव अभियान को और भी प्रभावी बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिक्षा विभाग व पंचायती राज संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाएगा। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों व मौलिक शिक्षा अधिकारियों को इस बारे पत्र भेजकर सूचित कर दिया गया है। उम्मीद है योजना के सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
यमुनानगर की जिला शिक्षा अधिकारी जगजीत कौर का कहना है कि इस संदर्भ में सभी ब्लाक शिक्षा अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। स्कूलों में स्वच्छता बनाए रखने के साथ-साथ पानी की टंकियों को विशेष रूप से साफ रखा जाएगा। इसके अतिरिक्त बच्चों को विभिन्न बीमारियों के प्रति भी जागरूक किया जाएगा।
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