जगाधरी & लाइब्रेरी में करीब साढ़े 11 हजार पुस्तकें हैं।
ट्विन सिटी में उच्चतर शिक्षा विभाग की इकलौती लाइब्रेरी बेहाल है। लाइब्रेरी में पुस्तकों की कमी है और जो पुस्तकें हैं वह काफी पुरानी हैं। इसकी वजह से अधिकतर लोग केवल समाचार पत्र व मैगजीन पढऩे के लिए ही लाइब्रेरी में आते हैं।
उच्चतर शिक्षा विभाग की सिविल लाइन स्थित जगाधरी नगरपरिषद के भवन में लाइब्रेरी है। फिलहाल लाइब्रेरी में साढ़े 11 हजार पुस्तकें हैं जबकि 565 सदस्य हैं। जगाधरी निवासी राकेश शर्मा कहते हैं कि लाइब्रेरी में अधिकतर पुस्तकें काफी पुरानी हैं इसलिए जब भी वह यहां आता है, तो समाचार पत्र या मैगजीन ही पढऩे के लिए आता है। वहीं यमुनानगर निवासी प्रवीण वशिष्ठ कहते हैं कि अक्टूबर २००५ में लाइब्रेरी को यमुनानगर से जगाधरी शिफ्ट कर दिया गया था। लाइब्रेरी यमुनानगर से आठ किलोमीटर दूर है। पहले लाइब्रेरी में चले जाते थे मगर अब इतनी दूर जाना संभव नहीं है। लाइब्रेरी में आए जगाधरी निवासी जिया लाल जैन कहते हैं कि वे लाइब्रेरी में समाचार पत्र व मैगजीन पढऩे आते हैं। वे लगातार पांच साल से यहां से आ रहे हैं।
२००५-०६ में खरीदी थी पुस्तकें: अधिकारियों के मुताबिक वर्ष 2००५-०६ में सांसद शैलजा की ओर से 50 हजार रुपए की ग्रांट दी गई थी जिससे कुल 447 पुस्तकें खरीदी थी। उसके बाद लोकल लेवल पर पुस्तकों की खरीद नहीं की गई। हालांकि हर साल उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से पुस्तकें भेजी जाती है। पुस्तकों की खरीद का निर्णय उच्च स्तर पर ही किया जाता है। गत वर्ष लाइब्रेरी में दो हजार पुस्तकें उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से भेजी गई थी।
उनका प्रयास, पाठकों को दिक्कत न आए: लाइब्रेरियन जोगिंद्र लाल कहते हैं कि लाइब्रेरी में आने वाले पाठकों को किसी तरह की दिक्कत न आए, इसका वे खास ख्याल रखते हैं। लाइब्रेरी में पंजाबी, हिंदी व उर्दू की पुस्तकें भी उपलब्ध हैं। लाइब्रेरी सदस्य एक बार में 14 दिन के लिए पुस्तक घर भी ले जा सकते हैं। इसके अलावा लाइब्रेरी में पंजाबी व उर्दू भाषा समेत कुल 13 समाचार पत्र आते हैं। 15 मैगजीन आती हंै। इनमें बच्चों व महिलाओं की पसंद की मैगजीन भी शामिल हैं। लाइब्रेरी में पुस्तकों की कमी नहीं है। हर साल उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से पुस्तकें भेजी जाती हैं।
कोई भी बन सकता है सदस्य: कोई भी व्यक्ति लाइब्रेरी का सदस्य बन सकता है। व्यस्क को 500 रुपए तथा बच्चे को 100 रुपए सिक्योरिटी जमा करवानी होगी। ये सिक्योरिटी रिफंडएबल है। लाइब्रेरी सदस्य 14 दिन के लिए पुस्तक घर भी ले जा सकते हैं। पुस्तकालय में पढऩे के लिए सदस्यता की जरूरत नहीं है।
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