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मंगलवार, 31 अक्टूबर 2017

Kapal Mochan Teerath (शाही स्नान के साथ शुरू हुआ कपाल मोचन मेला) Mela 2017

"शाही स्नान के साथ शुरू हुआ कपाल मोचन मेला"



संत महात्माओं के शाही स्नान के साथ ही मंगलवार को मेले की शुरूआत गयी है। आज से ही पहला पंच भीखी स्नान आरंभ हो गया है। ऐतिहासिक प्राचीन एवं प्रसिदध कपाल मोचन में सीसीटीवी कमरे की नजर से निगरानी रखी जाएगी। पूरा मेला क्षेत्र कैमरे की निगरानी में होगा। जिसको लेकर मेला प्रशासन ने मुख्य चौक चौराहों , मंदिर, धर्मशालाओं के आस पास मुख्य मार्ग , भीड भाड वाले क्षेत्र में सीसीटीवी कमरे लगा दिए है। मेला अधिकारी नवीन आहुजा ने जानकारी देते हुए बताया कि मेला क्षेत्र में के साथ आदि बद्री, मंत्रा देवी ,कपाल मोचन सरोवर, ऋण मोचन सरोवर, सूरज कुंड, सहित सभी धार्मिक स्थलों पर सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी। बुधवार सुबह से पुलिस प्रशासन, मेला प्रशासन पूरी तरह से 24 घंटे की डयूटी पर तैनात हो जाऐंगे। मेले में मुख्य चौंक चौराहों पर पुलिस के हाई चैक पोस्ट को भी लगाया गया है जिस पर हर समय दो पुलिस कर्मी तैनात होंगे, जिसके माध्यम से दूर दूर तक मेला क्षेत्र में नजर रखी जाएगी। मेले की सभी तैयारियंा पूर्ण कर ली गई है। मेला प्रशासन का प्रयास है कि श्रदधालुअेां को किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े। 
धूूूमते फिरते कैमरों से जेब कतरों व शरारती तत्वों पर कसेगा शिंकजा। 
एसडीओ एस के गोयल ने बताया कि मेला में सी सी टीवी कैमरों के साथ साथ धूमते फिरते कैमरों की भी विशेष व्यवस्था की गई है। जो कि मुख्य चौराहों के साथ भीड़ भाड वाले बाजार, सर्कस ग्राउंड, के साथ साथ पूरे मेला क्षेत्र का दौरा कर विशेष नजर रखेगें। चलते फिरते कैमरों से जेब कतरों व शरारती तत्वों को पकडऩे में बहुत मदद मिलेगी। 
कपाल मोचन मेले में होता है लाखों रूपये के पशुओं का व्यापार । 
हिमाचल, हरियाणा, पंजाब प्रदेशा में लगने वाले पशु मेले में सबसे बडा़ पशुा मेला कपाल मोचन में इस बार लगाया जाएगा। मेला प्रशासन की ओर से लगभग दो वर्ष के पश्चात चौराही मार्ग पर पशु मेला लगाया जा रहा है। पिछले लगभग दो वर्ष से यह मेला पशुओं में आ रही गलाइंडर नामक बीमारी के कारण नही लगाया जा रहा था लेकिन इस बार मेला प्र्रशासन ने पशु मेले के आयोजन को लेकर हरी झंड़ी दे दी गई है। लगभग दो वर्ष बाद इस बार फिर से पुश मेले का आयोजन किया जाएगा । मेले में चिलकाना से आए ईयान, अनवर ने बताया कि वह पिछले लगभग डेढ़ दशक के मेले में अपने पशुओं को लेकर आ रहे है। पशु मेले में लगभग चार दिन पूर्व आए थे उन्स समय उन्हें सूचना मिली की कपाल मोचन मेले में पशु मेले का आयोजन नही किया जाएगा वह घर जाने के लिए सामान को बांध ही रहे थे कि दो दिन प्रशासन की ओर से आदेश आया कि इस बार पशु मेले का आयोजन किया जाना है। तब जाकर राहत की सांस ली। 
शाही स्नान से पूर्व खेडा मंदिर बिलासपुर में रखा गया रामायण पाठ। 
खंड बिलासपुर के खेडा मंदिर कमेटी व समस्त ग्राम वासियों के सहयोग से मंदिर प्रांगण में रामायण पाठ का रखा गया है। मंदिर कमेटी के सदस्य अनिल कक्कड़, राकेश बेदी ने बताया कि पिछले लगभग एक दशक से भी अधिक समय से कपाल मोचन के शाही स्नान से पूर्व मंदिर प्रांगण में रामायाण का पाठ रखा जाता है। जिसका पूजन पंडित राजेश ने पूरे विधि विधान के साथ करवाया गया। मंगलवार की सुबह रामायण के पाठ का समापन के साथ ही संत महात्माओं का पूजन करके शाही स्नान के लिए संत की यात्रा को बैंड बाजों के साथ रवाना किया जाएगा। इस मौके पर अनिल कक्कड़, मास्टर रवि भूषण, बंसी लाल, अशोक झाम, गोपाल धीमान, राजी, राकेश बेदी, अनिल धमीजा, बाबा बलजिन्द्र दास कपाल मोचन ,महंत अमरदास सहित अनेक लोग मौजूद रहे। 
Pankaj Batra #YamunanagarHulchul #यमुनानगर_हलचल#TimelinemediaIndia #PBatraYnr 
Kapal Mochan Teerath, Kapal Mochan Mela
PC: Gurpreet Singh (Photo Journalist) Yamunanagar
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Kapal Mochan Teerath (2017) Lighting


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सोमवार, 30 अक्टूबर 2017

कपालमोचन तीर्थ, यमुना नगर

श्रद्धा और आस्था का प्रतीक कपालमोचन आदिबद्री तीर्थ मेला लाखों श्रद्धालुओं की श्रद्धा और आस्था का प्रतीक का मन जाने वाला कपालमोचन तीर्थ मेला 31-10-2017
से शुरू होने वाला है मेले में आने वाले यात्रियों के चहल पहल से यहाँ की रौनक और बढ़ गयी हैं सुबह शाम की हलकी ठण्ड और तीनो सरोवरों की मनोरम छठा देखते ही बनती है तो ऋण मोचन गौ बच्चा घाट और सूरजकुंज के सरोवर पर जब सूरज की लालिमा पड़ती है तो तीनो सरोवरों का नजारा बेहद लुभावना होता है वही पहाड़ों में घिरा आदिबद्री स्थल पूजा अर्चना और मंत्रोउच्चारण से गूंज रहा है ये नजारा या पहुँच कर ही साक्षात् देखा जा सकता है
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सोमवार, 29 अगस्त 2016

प्रसिद्ध एवं ऐतिहासिक श्री कपाल मोचन एवं श्री आदिबद्री मेला 2016

प्रसिद्ध एवं ऐतिहासिक श्री कपाल मोचन एवं श्री आदिबद्री मेला 2016 के आयोजन के प्रबंधों बारे जिला सचिवालय के सभाकक्ष में उपायुक्त एवं श्री कपाल मोचन व श्री आदिबद्री श्राईन बोर्ड के मुख्य प्रशासक डा.एस.एस.फूलिया की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता मेला प्रशासक नवीन आहूजा ने की। बैठक में विभिन्न विभागों द्वारा मेले में किए जाने वाले प्रबंधों एवं कार्यों बारे संबंधित अधिकारियों को जिम्मेवारियां सौंपी गई तथा उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। 
बैठक में उपायुक्त डा. फूलिया ने बताया कि महर्षि वेद व्यास की कर्मस्थली बिलासपुर में हर वर्ष आयोजित होने वाले प्रसिद्व एवं ऐतिहासिक कपाल मेले का आयोजन इस वर्ष 11 नवम्बर से 14 नवम्बर 2016 तक होगा। कपाल मोचन मेले का मुख्य स्नान कार्तिक पूर्णिमा एवं गुरू नानक जंयती के अवसर पर 14 नवम्बर को होगा। इस स्नान के बाद विभिन्न राज्यों से आए श्रद्वालू एवं यात्री लौटना शुरू कर देगें और उसके बाद लोकल मेला शुरू हो जाएगा जो 15 नवम्बर तक चलेगा। इसलिए सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मेला डयूटी 15 नवम्बर तक रहेगी। उपायुक्त ने सभी अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि मेला के आयोजन संबंधी सभी प्रकार की तैयारियां अभी से शुरू कर दें तथा सभी अधिकारी अपने-अपने विभागों से संबंधित कार्यों को समय पर पूर्ण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि मेला आयोजन से पूर्व की जाने वाली तैयारियों एवं प्रबंधों व मेला के दौरान किसी भी प्रकार की तैयारियों में कोताही एवं डयूटी में लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर कोई अधिकारी/कर्मचारी अपनी डयूटी में लापरवाही करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि मेला के दिनों में किसी प्रकार की कोई अनहोनी घटना न हो इसके लिए सभी अधिकारी पूरी तरह से सतर्क रहेंगे और जब तक मेला पूरी तरह सम्पन्न न हो तब तक कोई भी अधिकारी एवं कर्मचारी अपनी डयूटी में कोताही नहीं बरतेगा, इसीलिए सभी विभागों के अधिकारी व कर्मचारी जिनकी डयूटियां भिन्न-भिन्न कार्यों के लिए मेला क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों में रहेगी उनकी डयूटियां 15 नवम्बर 2016 तक रहेगी। 

उपायुक्त ने खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी व सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि मेला के दिनों में सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखे और अभी से ही मेला क्षेत्र में स्थित तीनों पवित्र सरोवरों यानि कपाल मोचन सरोवर, ऋण मोचन सरोवर व सूरजकुण्ड सरोवर की सफाई करवाना शुरू करवा दें। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मेला क्षेत्र की ओर आने वाले रास्तों एवं सडक़ों की मुरम्मत आदि का कार्य भी समय रहते पूर्ण करवाना सुनिश्चित करे। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी प्रकार की तैयारियां अच्छी तरह और समय से पहले होनी चाहिए ताकि मेला के दिनों में यात्रियों एवं श्रद्वालुओं को किसी प्रकार की कठिनाईयों का सामना न करना पड़े। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे मेला प्रबंधों व मेला के दौरान आपसी तालमेल से कार्य करें ताकि गत वर्षों के मुकाबले में इस वर्ष आयोजित होने वाला मेला भव्य एवं सुव्यवस्थित ढंग से सम्पन्न हो सके। उपायुक्त डा.एस.एस.फूलिया ने बताया कि इस वर्ष कपाल मोचन मेला में खच्चर मंडी मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा और मेले में गघों, घोडों और खच्चरों की खरीद फरोक्त नहीं होगी क्योंकि घोडों, गघों व खच्चरों में गलैंडर नामक बीमारी फैली हुई है और इसलिए बाहर से कपाल मोचन मेला में गघों, घोडों और खच्चरों आदि के आने पर पांबदी लगाई गई है। 



बिलासपुर के उपमण्डलाधीश एवं मेला कपाल मोचन प्रशासक नवीन आहूजा ने उपायुक्त को विश्वास दिलाया कि मेला कपाल मोचन की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं और समय से पहले सभी प्रकार की तैयारियां पूर्ण कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि कपाल मोचन मेला क्षेत्र में स्थाई शौचालयों के साथ-साथ अस्थाई शौचालयों का निर्माण भी करवाया जाएगा और समय रहते तीनों सरोवरों की सही ढंग से सफाई करके उनमें स्वच्छ जल भरा जाएगा। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. शालीन, नगर निगम के आयुक्त गिरीश अरोड़ा, नगराधीश भारत भूषण कौशिक, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी गगनदीप सिंह, बिलासपुर के उप पुलिस अधीक्षक अजय सिंह, मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगी जश्नजीत सिंह, बिलासपुर के खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी एवं कपाल मोचन मेला अधिकारी राकेश संधू सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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