मंगलवार, 7 अप्रैल 2020
यमुनानगर में घूमने के दर्शनीय स्थल
यमुनानगर सन 1989 को अस्तित्व में आया। इसका क्षेत्रफल 1756 वर्ग किलोमीटर के साथ है, जिसमें 473 पंचायतों, 655 राजस्व गांवों, 4 तहसील (जगाधरी, छछरौली, बिलासपुर, रादौर) और 3 उप-तहसील (सढ़ौरा, सरस्वती नगर, प्रताप नगर) मौजूद हैं। इससे पहले जिला यमुना नगर अब्दुल्लापुर से जाना जाता था। जिला यमुना नगर के बड़े हिस्से शिवालिक पर्वतमाला की तलहटी में आते हैं | शहर से लगभग 30-40 किलोमीटर दूर शिवालिक पर्वत श्रेणियां आरंभ हो जाती हैं। यह जिला पर्यटन और प्राकृतिक सौंदर्य की दृष्टि से बेशुमार हैं । यहाँ पर वैदिक कालीन मंदिरों के साक्ष्य भी हैं। यमुना नदी, पथराला, बोली और सोम नदी जिले से होकर बहती है। प्रदेश का पहला हाथी पुनर्वास एवं अनुसंधान केंद्र बनसंतौर में है। सरस्वती-सोम्ब प्रयाग जिस स्थान को कहा जाता है वह आदिबद्री भी यहीं है। गन्ना, गेहूं और चावल इसकी मुख्य फसलें हैं| अच्छे सामर्थ्य और प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए किसान पोपलर पेड़ों के बीज भी इस्तेमाल में लाते है। औद्योगिक पर्यावरण प्रशंसनीय है| यह एक महत्वपूर्ण औद्योगिक शहर है | यमुना नगर जिला, पूर्व में हिमाचल प्रदेश राज्य द्वारा, पूर्व में उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा,और दक्षिण पूर्व में अंबाला जिले द्वारा, दक्षिणी उत्तर में करनाल और कुरुक्षेत्र के जिलों द्वारा घिरा है। यमुनानगर जिला 274 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।click for detail: http://yamunanagarhulchul.com/category/tourism-in-yamunanagar






























