वैदिक कालीन साक्ष्य और प्रकृति की अद्भुत छटा से सराबोर है जिला यमुनानगर। यहां के दर्शनीय स्थल, भारतवर्ष के स्वर्णिम इतिहास के आलौकिक दर्शन हैं। प्रदेश का पहला हाथी पुनर्वास एवं अनुसंधान केंद्र बनसंतौर में है। शिवालिक पर्वतमाला की तलहटी में सरस्वती-सोम्ब प्रयाग जिस स्थान को कहा जाता है वह आदिबद्री भी यहीं है, यहीं से ही सरस्वती नदी का उद्गम हुआ माना जाता है। बड़े-बड़े मुनियों की तपस्थली रहा है। पांडवों तक ने यहां अपना समय बिताया है और मात्र 20 कोस में ही प्राचीन 11 स्वयंभू शिव मंदिर हैं, जिसके दर्शन करने वाला भाग्यशाली होता है। अगर आप यमुनानगर रहते हैं, तो बनाएं पिकनिक का कार्यक्रम और देखें कि आप धरती की जन्नत में रह रहे हैं। Click for detail: http://yamunanagarhulchul.com/category/tourism-in-yamunanagar/
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