सतगुरू बावा लाल दयाल जी महाराज का ६५८वां जन्मोत्सव मन्दिर श्री लाल द्वारा में हर्षोल्लास से मनाया गया। यमुनानगर व जगाधरी सहित आसपास के गांवों से हजारों श्रद्धालुओं ने समागम में भाग लिया।
मुख्य यजमान श्रीमती तराना एवं सुमित धीमान की देखरेख में समागम का आरंभ हवन यज्ञ व ध्वजारोहण से हुआ। पंडित गोपाल शर्मा व उनकी टीम ने विधिविधान से यज्ञ संपूर्ण करवाया। तत्पश्चात संकीर्तन व दूज उत्सव हुआ। उत्सव में प्रसिद्ध भजनीक श्रीमती रूपम शर्मा एंड पार्टी सहित कई महिला संकीर्तण मंडलियों ने अपने भजनों के माध्यम से गुरूओं का गुणगान किया। पूरे कार्यक्रम में श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था, वे भजनों पर नाच-गाकर गुरू महाराज का जन्म दिवस मना रहे थे।
मुख्य यजमान श्रीमती तराना एवं सुमित धीमान की देखरेख में समागम का आरंभ हवन यज्ञ व ध्वजारोहण से हुआ। पंडित गोपाल शर्मा व उनकी टीम ने विधिविधान से यज्ञ संपूर्ण करवाया। तत्पश्चात संकीर्तन व दूज उत्सव हुआ। उत्सव में प्रसिद्ध भजनीक श्रीमती रूपम शर्मा एंड पार्टी सहित कई महिला संकीर्तण मंडलियों ने अपने भजनों के माध्यम से गुरूओं का गुणगान किया। पूरे कार्यक्रम में श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था, वे भजनों पर नाच-गाकर गुरू महाराज का जन्म दिवस मना रहे थे।
श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए मंदिर कमेटी महासचिव सुरजीत मेहता ने बताया कि सतगुरू बावा लाल दयाल जी महाराज का जन्म लाहौर के समीप कसूर में संवत १४१२ को हुआ था। मात्र १८ वर्ष की आयु में महाराज अध्यात्म की ओर मुड़ गये थे। श्री चैतन्य स्वामी जी की शरण में जाने के बाद उन्होंने धर्म प्रचार प्रारंभ किया। सतगुरू बावा लाल जी महाराज ने धर्म का इतनाप्रचार किया कि भारत में ही नहीं अपितु पाकिस्तान, नेपाल, अफगानिस्तान में भी आज गद्दियां हैं। जहां श्रद्धालु माथा टेककर अपनी मनोकामनाएं पूरी कर रहे हैं। श्री मेहता ने बताया कि यमुनानगर जिले में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने नाम दीक्षा ली हुई है। यहां बने लालद्वारा मंदिर में २२ देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित की गई हैं। इसके अलावा शिव परिवार व हनुमान जी का मंदिर अलग से बनाया गया है। समागम के बाद भंडारे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रधान पूर्णचंद मेहता, लाला दयाल चंद गोयल, पूर्ण महेंद्र चोपड़ा, सोनू, मोनू, सुरेंद्र मेहता, देवेंद्र मेहता, विपिन कोहली, खरैती लाल, विक्की मेहता मुख्य रूप से उपस्थित थे ।
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