Vo (1) यमुनानगर का थाना रादौर इन दिनो सब-इंस्पेक्टर युद्धिष्टर की वजह से इमान, इंसाफ और फर्ज बेचने वाली दुकान बना हुआ था यह कहना है आरोपी सब-इंस्पेक्टर ना केवल खुलेआम रिश्वत खाता था ब्लकि इसे बाकायदा अपनी फीस बताकर गर्व महसूस करता था लेकिन अब यह खूसखौर सब इंस्पेक्टर पहुँच गया है अपने असली ठिकाने यानी सलाखो के पीछे। मगर अभी भी ना तो सब इंस्पेक्टर युद्धिष्टर के चेहरे पर शिंकद है और ना ही पकड़े जाने का कानून का डर जरा देखिये किस तरह यह भ्रष्ट पुलिस अधिकारी बेशर्मी से दांत निकालकर हंस रहा है।
Vo (2) दरअस्ल युद्धिष्टर शायद कभी पकड़ा ना जाता और ना जाने कितने और लोगो को अपना शिकार बनाता अगर ट्रांस्पोर्ट का व्यपार करने वाले यह जगरूक नागरिक वेदपाल इसका पर्दाफाश करने की हिम्मत ना जुटा पाते इनकी माने तो इन के पांच ट्रक ओवरलोड की वजह से थाना रादौर पुलिस के कब्जे में है और वह कोर्ट में उनका जुर्माना भी भुगत चुके है इसके अलावा युद्धिष्टर उन्हें छोड़ने की एवज में अबतक इनसे दस हजार रूपये भी खा चुका है और अभी आठ हाजर रूपये और लेने की जिद्ध पर अड़ा हुआ था जिससे परेशान होकर इन्होनें विजिलेंस का दरवाजा खटखटाया।
Bite (2) वेदपाल, शिकायतकर्ता।
Vo (3) विजिलेंस टीम के नेतृत्व करने वाले अधिकारी मदनलाल ने वेदपाल की शिकायत पर तुंरूत प्रभाव से कार्वाई अमल में लाते हुए पहले तो पूरा मामला उच्चाधिकारियो की जानकारी में दिया और फिर सू-नियोजित तरीके से आठ हजार रूपयो को पाउडर लगाकर युद्धिष्टर को रिश्वत लेते रंगेहाथो गिरफ्तार कर लिया।
Bite (3) मदनलाल, विजिलेंस अधिकारी।
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