गुरुवार, 18 नवंबर 2010

मेला श्री कपाल मोचन : पहला दिन, जुटने लगे श्रद्धालु

शाही स्नान के साथ कपाल मोचन मेला शुरू। सरकारी तौर पर मेला १९ नवंबर से शुरू होगा। श्रद्धालु जुटना शुरू हो गए हैं। बुधवार को एक लाख श्रद्धालु मेला क्षेत्र में पहुंच गए। एक बजे शाही स्नान की रस्म की गई। जिसके बाद पवित्र सरोवर को श्रद्धालुओं के स्नान के लिए खोल दिया गया है। दिन भर सरोवर में डूबकी लगाने का सिलसिला जारी रहा। कपाल मोचन मेला हिंदुओं के साथ साथ सिख समुदाय के लिए भी बहुत महत्व रखता है। इस वजह से यहां आने वाले श्रद्धालुओं में अच्छी खासी भीड़ सिख समुदाय की रहती है। इस बार भी उन्होंने अपनी इस परंपरा को जारी रखा। पंजाब व अन्य क्षेत्र के सिखों ने यहां डेरा डालना शुरू कर दिया है।
ढोल नगाड़ों के बीच शाही स्नान संपन्न
इस मौके का हर कोई चश्म दीद होना चाहता है। क्योंकि साधू तब पूरे जोश व उत्साह से स् नान के लिए जुटते हैं। साधु पहले से ही श्री राम खेड़ा बिलासपुर में रामायण का अखंड पाठ करते हैं। इसके बाद सभी साधु शाही स्नान के लिए निकल पड़ते हैं। परंपरा के अनुसार इसकी अगुवाई श्री षट दर्शन साधु समाज एकता मंडल के महंत अमरदास करते हैं। उनके साथ भारत रक्षा संत समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम स्वरूप ब्रह्मचारी करते हैं। उनके साथ बाबा अमर दास, तरसेम मुनी, रवि मुनी, ज्ञानदास, शोभा दास, देवल राणा, नारायण मुनी, गोपाल दास व बलिराम दास व भारत गिरी  समेत अनेक साधु थे। कपाल मोचन में देश भर के अलग अलग हिस्सों से साधु शाही स्नान में भाग लेने के लिए आते हैं। सबसे पहले साधुओं ने कपाल मोचन सरोवर में डूबकी लगाई, इसके बाद ऋण मोचन व बाद में सुरज कुंड में डूबकी लगाई। श्री चंद आश्रम में शाही स्नान की रस्म संपन्न हुई

 
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१९ को डीसी करेंगे उद्धाटन
मेला भले ही अभी से शुरू हो गया हो। सरकारी तौर पर मेला १९ नवंबर से ही शुरू होगा। इसका उद्धाटन डीसी अशोक सांगवान सुबह ११ बजे करेंगे। इस मौके पर प्रदेश के विकास को दर्शाती हुई प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा। 
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कदम के पेड़ की पूजा अर्चना की
पहले दिन श्रद्धालुओं ने पंचभीखी स्नान कर कदम के पेड़ की पूजा की। माना जाता है कि यहां सूत का धागा बांधने पर हर मुराद पूरी हो जाती है। इस वजह से पहले दिन यहां श्रद्धालुओं ने  कदम के पेड़ की पूजा की और सूत बांध कर अपनी मन्नत मांगी।
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शुरू हो गई बस
मेले में जगाधरी, अंबाला, कुरुक्षेत्र नारायणगढ़ व पिहोवा से बस को सीधे चलाया गया है। मेले में आने वाले श्रद्धालु हरियाणा रोडवेज की बस से सीधे ही आ सकते हैं। इसके अलावा यदि आप रेल से आ रहे हैं तो यमुनानगर रेलवे स्टेशन से भी सीधी बस कपाल मोचन के लिए चल रही है। इस बस से भी यहां तक पहुंचा जा सकता है।
 
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