मंगलवार, 26 जुलाई 2016

वन महोत्सव के अवसर पर रवाना की गई वन चेतना यात्रा पहुंची यमुनानगर

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा हरी झण्डी देकर वन महोत्सव के अवसर पर रवाना की गई वन चेतना यात्रा पानीपत, करनाल, कुरूक्षेत्र व अम्बाला से होती हुई आज यमुनानगर जिला में पहुंची इस वन चेतना यात्रा को 15 जुलाई को रिवाड़ी से शुरू किया गया था और इस यात्रा का उद्देश्‍य वर्षा ऋतु के समय बच्चों, महिलाओं और आम लोगों को वनों के सरंक्षण व पौधारोपण के बारे में प्रेरित करना है। इस यात्रा के दौरान प्रचार सामग्री, नुक्कड़ नाटक तथा भाषण व फिल्मों के माध्यम से जागरूकता का प्रयास किया जा रहा है ताकि लोग पौधारोपण में अपनी ज्यादा से ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित कर सके।

इसी कड़ी में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रादौर तथा दामला में वन विभाग की ओर से जिन्दगी नामक नाटक प्रस्तुत किया गया। सभी जगह प्रिंसीपल, प्राध्यापकों व विद्यार्थियों द्वारा पौधे लगाए गए। वन चेतना यात्रा के मण्डलीय प्रचार अधिकारी धर्मवीर व सरोज कुमार, वन दरोगा दिनेश कुमार, अमर चंद व दयानन्द तथा रादौर स्कूल के प्रिंसीपल,दामला स्कूल में स्टाफ व विद्यार्थी उपस्थित रहे। वन चेतना यात्रा के दौरान भाषण के माध्यम से बच्चों से अपील की गई कि वे वर्षा ऋतु में एक पौधा जरूर लगाए और उसका सरंक्षण करके वृक्ष बनाए। हर घर हरियाली योजना के तहत यमुनानगर जिला के शहरों और गांवों में 60 हजार फलदार वृक्ष लोगों के घरों में लगाए जा रहे है। सरकार का प्रयास है कि हर घर हरियाली हो और वातावरण स्वच्छ रहे।



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जिला उपायुक्त डॉ. एस.एस. फूलिया ने लोगों का आह्वान किया है कि वे अधिक से अधिक पौधे लगाए ताकि पर्यावरण को स्वच्छ बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए पौधों का अधिक से अधिक मात्रा में रोपित करना समय की मांग है, क्योंकि पर्यावरण स्वच्छता जरूरी है। डॉ. एस.एस. फूलिया ने बताया कि शिवालिक एवं अरावली की पहाडिय़ों मेंं भू व जल संरक्षण हेतू जल भण्डारण बांधों का निर्माण किया गया है और औषधीय पौधों के प्रति जागरूकता के लिए सभी जिला में औषधीय उद्यानों की स्थापना की गई है। उन्होंने बताया कि डिजीटल हरियाणा के तहत नागरिकों के लिए वन विभाग द्वारा पौधों की कटाई के लिए अनुमति एवं पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम-1900/वन या प्रतिबंधित भूमि के संबंध में अनापत्ति प्रमाण पत्र हेतू नागरिक सेवा की ई-डिलीवरी की शुरूआत की गई है। इसके साथ-साथ वन्य जीव-जन्तुओं के संरक्षण एवं प्रजनन हेतू उनके वास स्थल में सुधार कार्य कर बेहतर वातावरण के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि सभी मिलकर वनों के संरक्षण व संवद्र्वण में भागीदार बने तथा प्रदेश को हरा-भरा बनाने एवं प्रदूषण मुक्त रखने हेतू यथासंभव सहयोग दे।
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