रविवार, 2 अक्तूबर 2011

बच्चों में नैतिकता को बढ़ावा देने वाली फिल्में बने: अनुज गर्ग


बच्चों के लिए ऐसी फिल्में बननी चाहिए, जो उनमें नैतिकता को बढ़ावा दें। क्योंकि देश के विकास में बच्चें अहम भूमिका अदा करते हैं। यह बात आईएएएन इंस्टीट्यूट ऑफ मॉस कम्यूनिकेशन दिल्ली के एमडी अनुज गर्ग ने चौथे हरियाणा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह के चाइल्ड फिल्म फेस्टीवल का उद्घाटन करते हुए कहे। इस दौरान डायरेक्टर के बिक्रम सिंह विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कालेज प्रिंसिपल डा. सुषमा आर्य ने की। 
गर्ग ने कहा कि फिल्म अपनी बात कहने का सबसे सशक्त माध्यम है। देश में सिनेमा को देखने व पंसद करने वाला बड़ा वर्ग है। उन्होंने कहा कि बच्चे विकास का घटक है। बच्चों को कहानी सुनाने का फिल्म एक माध्यम है। अच्छी फिल्मों के जरिए देश की जनसंख्या का ३० प्रतिशत प्रतिनिधित्व करने वाले बच्चों को जोड़ा जाना चाहिए। तभी बच्चे देश के विकास में अपना योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि फिल्म और बच्चे इस कार्यक्रम का अहम हिस्सा है। डीएवी गल्र्स कालेज ने फिल्म फेस्टीवल, फिल्म एप्रीशिएशन कोर्स व चाइल्ड फिल्म सेक्शन शुरू कर मिसाल कायम की है। उन्होंने बच्चों और बचपन के समग्र विकास की कामना की। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में क्षेत्रीय व विमेन सिनेमा को प्रमोट किया जा रहा है। जो कि सराहनीय है। आज के दौर में क्षेत्रीय सिनेमा ने अपनी अलग पहचान बनाई है।
विशिष्ट अतिथि के बिक्रम सिंह ने कहा कि आज के दौर में बच्चों का संसार बदल रहा है। जब से टेलीविजन आया है, तभी से बड़ों का संसार बच्चों पर हैवी हो रहा है। यही वजह है कि बच्चों को अपना संसार रचने का मौका नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों का स्वार्थ निश्चल होता है। जबकि बड़े ज्यादा स्वाथी बनते चले जाते हैं। इसलिए जरुरी है कि कभी-कभी बच्चों को अपने संसार की झलकी मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज बच्चों को एकांत नहीं मिलता। यही वजह है कि हम एक दूसरे के पैर कुचलते हुए जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि एकांत में इमेजिनेशन का विकास  होता है, लेकिन बच्चों को एकांत नहीं मिल रहा। बच्चों का अपना संसार होता है, इसलिए उसकी इज्जत करना  सिखना होगा। उन्होंने कहा कि कालेज प्रिंसिपल डा. सुषमा आर्य बच्चों के संसार को तवज्जो दे रही हैं। कालेज प्रिंसिपल डा. सुषमा आर्य ने कहा कि डायरेक्टर के बिक्रम सिंह जी पिछले तीन साल से हमारे साथ है। जो कि फिल्म एप्रीशिएशन कोर्स को स्पोट कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि फिल्म समारोह में ६० से ७० फिल्में दिखाई जाएगी। उन्होंने कहा कि चाइल्ड फिल्म सेक्शन का शुभारंभ नील माधव पांडा द्वारा निर्देशित फिल्म आईएम कलाम से किया जा रहा है। जो कि पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की प्रेरणा है। फिल्म समारोह के निदेशक अजित राय ने कहा कि डायरेक्टर के बिक्रम सिंह की पहली फिल्म तर्पण को राष्ट्रपति से बेस्ट फिल्म का अवार्ड मिल चुका है। उन्होंने न्यू डेली टाइम्स को प्रोड्यूस किया है। इतना ही नहीं उन्होंने मकबुल फिदा हुसैन पर भी फिल्म बनाई है।

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