शुक्रवार, 18 मार्च 2011

डीएवी में सत्र समापन पर हुआ २१ कुंडीय हवन यज्ञ

डीएवी गल्र्स कालेज में सत्र समाप्ति के अवसर पर २१ कुंडीय हवन यज्ञ के दौरान पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।चंडीगढ़ से आए पंडित यजब्रह्मा दाऊ दयाल जी शास्त्री ने मंत्रोच्चारण के साथ यज्ञ में पूर्णाहुति डलवाई और छात्राओं के सुखद व उज्ज्वल भविष्य की कामना की। कार्यक्रम की अध्यक्षता कालेज प्र्रिंपिल डा. सुषमा आर्य ने की।

२१ कुंडिय हवन यज्ञ शुरू करने से पूर्व पंडित दाऊ दयाल जी शास्त्री जी ने सभी छात्राओं से आह्वान किया कि वे  परमपिता परमेश्वर का ध्यान करें। जो कि सर्वत्र विद्यमान है और सर्वशक्तिमान है। योगीजन उसका ध्यान करते हैं और विद्वान उसी की महिमा का गान करते हैं। वो ही सबका पालन हार है। ओम नाम का उच्चारण करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमें सदैव गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। गायत्री मंत्र का जाप करने से जीवन सुगंधित हो जाता है और हमें आत्मिक बल मिलता है। उन्होंने छात्राओ से आह्वान किया कि वे ईश्वर की स्तुति का मिलकर पाठ करें। उन्होंने कहा कि योग व भक्ति के जरिए परमात्मा को पाया जा सकता है। उन्होंने प्रभू से आह्वान किया कि हे प्रभू मेरी वाणी में माधुर्य भर दो, इतना ही नहीं मेरा वाणी पर नियंत्रण रहे। ताकि जीवन में सौहार्द की भावना भरी रहे।
उन्होंने बताया कि जीवन भी एक यज्ञशाला है। इसे देवताओं की भूमि भी कहा जाता है। इसी के माध्यम से हम पुण्य कमा सकते हैं। जिसके जरिए हम जीवन में ऊंचा उठ सकते हैं। उन्होंने कहा कि शरीर को पाकर प्राणियों ने बुलंदियों को  छूआ है। मनुष्य ने ज्ञान विज्ञान की आहूति दी है। उन्होंने कहा जब मनुष्य अच्छा खाएगा और अच्छा सोचेगा, तभी हमार अत:करण अच्छा होगा, अन्यथा नहीं। उन्होंने कहा कि संस्कृति के माध्यम से मन को निर्मल बनाया जा सकता है। जिसके बाद मन शिव संकल्पों वाला बन जाता है। उन्होंने छात्राओं से आह्वान किया कि वे जीवन में पुरुषार्थ करें और बुलंदियों को छुए। जो विद्यार्थी जीवन में मेहनत करता है, वह ताउम्र सुख भोगता है और जो मेहनत नहीं करता उसे दुखों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने छात्राओं से आह्वान किया कि वे अपने माता-पिता व गुरुजनों का आदर सत्कार करें और नित्य प्रतिदिन उन्हें नमस्कार करें। इससे उन्हें भगवान का भरपुर आशीर्वाद प्राप्त होगा। तभी तो कहा गया है पितृ देवो भव: आचार्य देवो भव:। उन्होंने कहा कि गायत्री मंत्र का जाप करने से बुद्धि का विकास होता है। इससे जीवन प्रकाशमय होता है। इस मंत्र का जाप करने से दीर्घायु प्राप्त होती है।
कालेज प्रिंसिपल डा. सुषमा आर्य ने कहा कि डीएवी गल्र्स कालेज महापुरुषों के दिखाए हुए रास्ते पर अग्रसर है। कालेज में समय-समय पर हवन यज्ञ का आयोजन किया जाता है। ताकि युवा पीढ़ी में नैतिक गुणों का समावेश हो सकें। छात्राएं सफलता की बुलंदियों को छुएं। २१ कुंडीय हवन यज्ञ में पूर्णाहुति के उपरांत कालेज परिसर में लंगर का आयोजन किय गया। जिसमें को सारे स्टाफ व छात्राओं ने प्रसाद ग्रहण किया। 

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